कलेक्ट्रेट सभागार में डेंगू दिवस पर गोष्ठी का हुआ आयोजन
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सीडीओ प्रत्युष पाण्डेय की अध्यक्षता में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों ने डेंगू के प्रति सचेत किया। सीडीओ ने व्यापक प्रचार प्रसार के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सीडीओ ने कहा कि डेंगू एक खतरनाक बीमारी है। यदि व्यक्ति जागरूक रहे तो इस भयानक बीमारी से बच सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि डेंगू लाइलाज बीमारी हो। डेंगू का उपचार है। यदि व्यक्ति समय से जांच कराकर उपचार लेता है तो उसके जीवन को आसानी से बचाया जा सकता है।सीडीओ ने कहा कि महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल में 20 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच बेड मच्छरदानी सहित आरक्षित किए जायेंगे, जरूरत पड़ने पर बेड बढ़ाएं जायेंगे। वार्ड में मरीजों के लिए पर्याप्त दवा उपलब्धता रहेगी। उन्होंने कहा कि ब्लॉक क्षेत्रों में जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जाए। लोगों के बीच यह संदेश दिया जाए कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने कहा कि डेंगू के लक्षणों के बावजूद समय से जांच न होने की स्थिति में जब इसका बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं । सीएमओ ने बताया कि सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर डेंगू की जांच किट निःशुल्क उपलब्ध है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को लेकर अर्बन देवरिया के आठ वार्ड सहित भाटपार रानी, भटनी और सलेमपुर ब्लॉक के एक-एक गांवों को पिछले साल अधिक केस होने के कारण संवेदनशील श्रेणी में रखा है। जहां लोगों को डेंगू से बचाव की जानकारी देने के साथ-साथ साफ-सफाई, लार्वा सर्वे, सोर्स रिडक्शन, एंटीलार्वा छिड़काव की कार्यवाही स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अन्य विभाग के सहयोग से किया जायेगा। सीएमओ ने बताया कि आमतौर पर बारिश का मौसम शुरू होने के बाद जुलाई से लेकर नवंबर तक डेंगू का पीक सीजन होता है, हालांकि साफ पानी का स्टोरेज किसी भी महीने में और कहीं भी होने पर वहां डेंगू के मच्छर का लार्वा पनपने की संभावना होती है। विभाग सभी तैयारियों को करने में जुटा है ताकि आने वाले दिनों में डेंगू से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में प्रतिदिन 10 से 12 यूनिट प्लेटलेट्स तैयार हो रही है। डेंगू संक्रमण के दौरान ब्लड बैंक में 20 से 25 यूनिट प्लेटलेट्स तैयार किया जाता है।
कार्यक्रम में एसीएमओ वेक्टर बार्न डीजीज डॉ संजय गुप्ता, एसीएमओ डॉ सुरेंद्र चौधरी, डीपीआर सर्वेश कुमार पाण्डेय, डीपीओ कृष्णकांत राय, बीएसए शालिनी श्रीवास्तव, डीएमओ सीपी मिश्रा, डिप्टी सीएमओ डॉ आरपी यादव, ईओ अंकिता शुक्ला, एफआई रितेश शाही, यूनिसेफ़ के डीएमसी अरशद जमाल सहित सीफार और पाथ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सभी मिल कर करें प्रयास
जिला मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गुरूवार को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री इकट्ठा न होने दें। हफ्ते में एक बार टीन, डब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें और दोबारा उपयोग के लिए उनको सुखाएं। प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी खाली कर दें और सूखा कर ही पानी भरें। पानी के बर्तन और टंकी आदि को ढंग कर रखें। हैंडपम्प के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। इस साल राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम है-’’कनेक्ट विद कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू’’ । यह थीम इस तथ्य का समर्थन करती है कि सभी के प्रयासों से ही डेंगू से बचाव, नियंत्रण और इसके प्रसार पर जटिलताओं को रोका जा सकता है।
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