शाहजहांपुर (राष्ट्र की परम्परा)।जैतीपुर कस्बे से एक बेहद मार्मिक और हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां बहगुल नदी के किनारे मिट्टी निकालने गए एक युवक की पानी में डूबकर दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक को मिर्गी के दौरे पड़ते थे और इसी कारण काम के दौरान वह असंतुलित होकर पानी में गिर गया। यह घटना शुक्रवार की है, लेकिन इसका खुलासा शनिवार सुबह हुआ, जब ग्रामीणों की नजर नदी किनारे पड़े शव पर पड़ी।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, जैतीपुर ग्राम पंचायत के मजरा धीमरपुरा निवासी 55 वर्षीय जयराम रोज़गार की तलाश में शुक्रवार को जैतीपुर आया था। वह एक महिला के कहने पर बहगुल नदी के किनारे गड्ढे से मिट्टी निकालने का काम कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मिट्टी निकालते समय अचानक उसे मिर्गी का दौरा पड़ा, जिससे उसका संतुलन बिगड़ गया और वह गहरे पानी में जा गिरा।
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घटना के समय आसपास कोई मौजूद नहीं था, जिससे समय रहते उसकी मदद नहीं हो सकी। देर शाम तक जब जयराम घर नहीं लौटा, तो उसके बुजुर्ग पिता गोकरन को चिंता होने लगी। उन्होंने पूरी रात बेटे के लौटने की आस में घर का दरवाजा खुला रखा, लेकिन सुबह जो सच सामने आया, उसने उनकी दुनिया ही उजाड़ दी।
शनिवार को जब कुछ ग्रामीण नदी किनारे गए, तो उन्होंने पानी में एक शव उतराता हुआ देखा। पास जाकर पहचान करने पर पता चला कि शव जयराम का है। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे। बेटे का शव देखते ही पिता गोकरन फूट-फूटकर रो पड़े। ग्रामीणों के अनुसार, जयराम ही अपने पिता का एकमात्र सहारा था और मजदूरी कर दोनों का पालन-पोषण करता था। घर में पिता-पुत्र के अलावा कोई नहीं था।
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घटना की सूचना मिलते ही थाना जैतीपुर प्रभारी गौरव त्यागी, उप निरीक्षक इतेश तोमर, सूरज पाल पचौरी और रामू आर्य पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने आवश्यक पूछताछ कर घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला दुर्घटना का प्रतीत हो रहा है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
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यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि ऐसे असुरक्षित कार्यों के दौरान बरती जाने वाली लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। मिर्गी जैसी बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए बिना निगरानी जोखिम भरा काम कितना खतरनाक हो सकता है, यह हादसा उसकी भयावह मिसाल है।
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