देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। संत विनोबा महाविद्यालय में शिक्षा और संवेदनशीलता की प्रतीक रही हिन्दी विभाग की पूर्व आचार्या एवं अध्यक्ष मंशा जी के आकस्मिक निधन की खबर से शैक्षणिक जगत शोकाकुल है। अपने विनम्र स्वभाव और मानवीय संवेदनाओं से उन्होंने शिक्षा को जीवनमूल्यों से जोड़ने का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया था।
मंशा जी ने अपने लंबे शिक्षकीय कार्यकाल में हजारों विद्यार्थियों के जीवन को ज्ञान, संस्कार और प्रेरणा से आलोकित किया। शिक्षण के प्रति उनका समर्पण और विद्यार्थियों के प्रति स्नेह ने उन्हें न केवल महाविद्यालय परिवार का बल्कि पूरे क्षेत्र के शैक्षिक समाज का आदर्श बना दिया था।
उनके निधन से महाविद्यालय परिसर में गहरा सन्नाटा पसर गया है। सहकर्मियों और छात्रों ने कहा कि मंशा जी का जाना एक ऐसी अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी।
महाविद्यालय परिवार ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
मंशा जी का योगदान और उनकी शिक्षाएँ सदैव स्मरणीय रहेंगी तथा उनके विचार शिक्षा के पथ को सदैव आलोकित करते रहेंगे।
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