भारत के इतिहास में 12 नवंबर का दिन केवल तिथि मात्र नहीं, बल्कि उन महापुरुषों की यादों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने अपने जीवन से समाज, शिक्षा, राजनीति और संस्कृति के हर क्षेत्र को दिशा दी। यह दिन उन प्रेरणास्रोत व्यक्तित्वों को नमन करने का है जिनके योगदान ने राष्ट्र के मानस पटल पर अमिट छाप छोड़ी है।
मदन मोहन मालवीय: शिक्षा और राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत (निधन – 1946)
पंडित मदन मोहन मालवीय न केवल स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा दी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना कर उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का माध्यम बनाया। “मालवीय जी” का जीवन भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और नैतिकता का प्रतीक रहा। वे ऐसे नेता थे जिन्होंने राजनीति में भी धर्म और सदाचार का समन्वय प्रस्तुत किया। उनके आदर्श आज भी भारत की आत्मा में जीवित हैं।
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भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा: न्याय की गरिमा के रक्षक (निधन – 1986)
भारत के छठे मुख्य न्यायाधीश के रूप में भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा ने न्यायपालिका में ईमानदारी, निष्पक्षता और मानवता की मिसाल कायम की। उनका न्याय दृष्टिकोण केवल कानून तक सीमित नहीं था, बल्कि समाज में न्याय के वास्तविक अर्थ को स्थापित करने पर केंद्रित था। उन्होंने अपनी सादगी और कर्तव्यनिष्ठा से भारतीय न्याय प्रणाली में जनता का विश्वास मजबूत किया।
लल्लन प्रसाद व्यास: समाज सुधार के पुरोधा (निधन – 2012)
लल्लन प्रसाद व्यास भारतीय समाज के उन मनीषियों में थे जिन्होंने समाज सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाया। उन्होंने शिक्षा, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए। उनकी सोच यह थी कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण नहीं पहुंचेगी, तब तक सच्चा परिवर्तन संभव नहीं। उनके कार्य आज भी सामाजिक संगठनों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
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अनंत कुमार: जनसेवा में समर्पित कर्मयोगी (निधन – 2018)
बेंगलुरु दक्षिण से सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे अनंत कुमार भारतीय राजनीति के सरल, संवेदनशील और कर्मशील नेता थे। उन्होंने सदैव जनसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। गरीबों के लिए योजनाएं लागू करने से लेकर युवाओं के लिए अवसर सृजन तक, उनका योगदान यादगार रहा। उनकी विनम्रता और कार्य के प्रति निष्ठा ने उन्हें जनता के हृदय में अमर कर दिया।
आसिफ़ बसरा: अभिनय की सादगी और गहराई के प्रतीक (निधन – 2020)
भारतीय सिनेमा और टेलीविज़न जगत के प्रतिभाशाली कलाकार आसिफ़ बसरा ने अपने अभिनय से हर चरित्र में जान डाल दी। चाहे फ़िल्में हों या वेब सीरीज़, उन्होंने यथार्थवादी अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। उनकी जिंदादिली और अभिनय के प्रति जुनून ने उन्हें अभिनय की दुनिया में एक सम्मानित स्थान दिलाया।
इन सभी विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर भारत के गौरव को ऊँचाइयों तक पहुँचाया। 12 नवंबर उनके योगदानों को स्मरण करने का अवसर है — यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने कर्म से समाज और देश के लिए कुछ सार्थक करें।
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