December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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देश-विदेश के यात्रियों के साथ देवरिया पहुंची जागृति यात्रा

सदर रेलवे स्टेशन पर बैंडबाजे के साथ हुआ स्वागत

रात्रि विश्राम के बाद आज दिल्ली के लिए रवाना होगी जागृति यात्रा

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। देश-विदेश के 500 यात्रियों के साथ मुंबई से निकली जागृति यात्रा मंगलवार को देवरिया पहुंची। इस यात्रा का सदर रेलवे स्टेशन पर फूल-माला और बैंडबाजे के साथ भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान बैंड बाजे की धुन पर यात्री झूमते-नाचते गाते रहे। विदेशी यात्री भारतीयों की अतिथि देवो भव की भावना से अभिभूत दिखाई दिए। 16 नवंबर को मुम्बई के छत्रपित शिवाजी महाराज टर्मिनस से शुरू हुई यह यात्रा उद्यमिता व समावेशी विकास का संदेश लेकर करीब आठ हजार किमी की दूरी तय करेगी।
जागृति उद्यमिता रेलयात्रा सुबह 8:30 बजे सदर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। इन्क्यूबेशन एसोसिएट डायरेक्टर विश्वास पांडेय के नेतृत्व में पहुंची इस यात्रा का जागृति के कर्मचारियों व स्थानीय उद्यमियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। बैंड बाजे की धुन बजी तो सभी यात्री झूमकर नाचे। स्टेशन से लेकर बाहर तक देशी–विदेशी यात्रियों के संगम ने सुंदर दृश्य प्रस्तुत कर दिया था। प्लेटफार्म पर खड़े अन्य यात्री तो इस संगम को देखकर आश्चर्यचकित रह गए। सभी के मन में चल रही उत्सकुता को चेहरे पर पढ़ा जा सकता था। जागृति ट्रेन के यात्रियों खासकर विदेश से आए लोग यात्रा के रोमांच को लेकर मुखर रहे। सभी ने भारत की समृद्ध संस्कृति व स्थानीय परंपराओं का बखान किया। वह भारत के लोक जीवन की प्रशंसा करते रहे। न्यूयार्क के यात्री रॉड्रिगो को उड़ीसा के ग्रामीण विकास का मॉडल बहुत भाया। एक यात्री ने ट्रेन में सहयात्रियों के खुले मन की खूब तारीफ की। वहीं कुछ अन्य यात्रियों ने अपने संस्मरण भी साझा किए। ब्राजील के गेब्रियल को तो यात्रा के अनुभवों से सराबोर दिखाई दीं। उन्होंने रास्ते में सहयात्रियों से हिन्दी भी सीखने की कोशिश की। उन्होंने कई वाक्य हिन्दी के बोलकर प्लेटफार्म पर खड़े लोगों को अचंभित कर दिया। इसी तरह अर्जेंटीना की गाला तो दो सालों से भारत में आकर रच–बस गई हैं। उन्हें भारतीयों का अपनापन भरा खूब भा रहा है।यात्रा में 500 यात्री हैं शामिल उद्यमिता ट्रेन यात्रा में देश-विदेश से आए 500 यात्री शामिल हैं। इसमें भारत के पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक के लोगों की भागीदारी है। शहर के राघव नगर स्थित नेटवर्क कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में जागृति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि हुबली, बैंगलुरु ( भारतीय विज्ञान संस्थान ), मदुरै (अरविंद आई केयर), श्रीसिटी (श्री हरीकोटा स्पेस सेंटर, श्रीसिटी), विशाखापट्टनम (अक्षय पात्रा), बेहरमपुर (ग्राम विकास) नालंदा (नालंदा विश्वविद्यालय) होते हुए देवरिया पहुंची है। यात्रा बरपार गांव में रात्रि विश्राम करेगी। इसके बाद यहां से मंगलवार को गोरखपुर होते हुए दिल्ली, जयपुर और अंत में अहमदाबाद (गांधी आश्रम) पहुंचेगी। इस बार की यात्रा एसबीआई के समर्थन से संचालित हो रही है। इसका उद्देश्य पूरे देश में उद्यमिता की अलख जगाना है। यात्रियों को खूब भाया ग्रामीण परिवेश पंचायती राज व्यवस्था, ग्रामीण परिवेश से हुए परिचित, साझा किए यात्रा के अनुभव जागृति रेल यात्री मंगलवार की सुबह बैतालपुर क्षेत्र के बरपार गांव में पहुंचे। दिन भर सैलानियों ने बरपार और आसपास के गांवों में भ्रमण किया। उन्हें ग्रामीण परिवेश खूब भाया। देश विदेश से आए यात्रियों ने गांव की जीवन शैली को बहुत करीब से देखा और समझा। प्रदूषण मुक्त और सामान्य परिस्थितियों में ग्रामीणों के सहजता पूर्वक जीवन ने उन्हें आनंद से भर दिया। गांव में उपले बनाते महिलाएं दिखीं तो विदेशी यात्री घेरकर बैठ गए। भाषा समझ में नहीं आयी तो भारतीय सहयात्रियों का सहयोग लिया। मुंबई से आए यात्रियों का दल पंचायती व्यवस्था को समझने में लगा रहा। वह ग्राम प्रधान और अन्य लोगों से बात कर अच्छाईयां और खामिया जानीं। कुछ यात्रियों ने किसानों से मिलकर खेती के तौर तरीके जाने। खेंतों में प्रयोग होने वाले खाद बीज और कीटनाशकों के बारे में जाना। शाम को बरपार में जागृति उद्यम केंद्र के सभागार में बिज ज्ञान ट्री प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें यात्री समूहों ने जल स्वच्छता, टेक्नोलॉजी, कला, संस्कृति एवं खेल, ऊर्जा आदि विषयों पर यात्रियों ने मॉडल प्रस्तुत किया। इसमें जिसके मॉडल अच्छे होंगे उन्हें जागृति की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा।