सूचना अधिकार कानून का उद्देश्य सद्भावनापूर्वक व सकारात्मक सोच के साथ सूचना प्रदान करना है।
जन सूचना जनता का अधिकार है और आप सभी का दायित्व संविधान की भावना के अनुरूप कार्यवाही करना
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा) राज्य सूचना आयुक्त दिलीप कुमार अग्नीहोत्री द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में सूचना के अधिकार के संबंध में पुलिस विभाग एवं तहसील स्तरीय जन सूचना अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक की गई।आयुक्त द्वारा जन सूचना अधिकार के बारे में गहनता पूर्वक नियमो के बारे मे जानकारी दी।उसके बाद अधिकारीगणों को संबोधित करते हुए मा0 राज्य सूचना आयुक्त ने उनकी सूचना के अधिकार के संबंध में बारी बारी से जिज्ञासाओं को शांत किया तथा इस क्रम में सूचना अधिकार के विधिक पहलुओं से अधिकारीगणों को अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि ये मेरी पहली बैठक है इस लिये अधिकारी गण जन सूचना से संबंधित लंबित आवेदनों का निस्तारण शीघ्र करा लें, उन्होंने आरटीआई के नियमो के विषय पर गहनता से विशेष व्याख्या किए।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना देने में अनावश्यक विलंब नहीं करनी चाहिए व निर्धारित तय अवधि 30 दिनों के अंदर सूचना प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जन सूचना जनता का अधिकार है और आपका दायित्व है की समय से सूचना उपलब्ध कराएं, उन्होंने सुप्रीमकोर्ट व संविधान की भावनाओं के अनुरूप कार्य किए जाने की नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश स्तर पर जन सूचना के अधिकार से संबंधित लंबित आवेदनों की संख्या बहुत अधिक है जिसके क्रम में इसे अभियान के रूप में लेकर निस्तारण की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने प्रारूप 3 के संबंध में सभी अधिकारियों से पूछ ताछ करने के साथ ही कहा की सभी जन सूचना अधिकारियों /प्रथम अपीलीय अधिकारियों के टेबल पर नेम प्लेट लगना चाहिए। उन्होंने कहा की हम सभी जनता की सेवा करने के लिए बैठे हैं तो फिर उसका पालन भी होना चाहिए। उन्होंने कहा की जब कोई गरीब असहाय व्यक्ति आयोग में पहुंचता है और जनपद स्तर पर उसकी सुनवाई नही होती है तो निश्चित रूप से तकलीफ होती है, ये बहुत ही गंभीर विषय है, इस लिए अधिकारी गण ध्यान दें,
जो सूचनाएं नहीं दी जा सकती उन सूचनाओं को इनकार करने की भी सूचना दें, उसके बारे में स्पष्ट उल्लेख करे। अगर सूचना किसी अन्य विभाग से संबंधित है तो स्पष्ट रूप से उसका अंतरण अन्य विभाग को करे और लिखे की यह मेरे विभाग से संबंधित नहीं है। अपने पास आर.टी.आई कभी भी लंबित न रखें।उसका जवाब 30 दिनों के भीतर अवश्य दें। सूचना अगर विस्तृत हो या अवलोकन करना हो तो उसके बारे में भी समय निर्धारित की जाय।
सूचना आयुक्त ने कहा कि वादी द्वारा मांगी गई सूचना देने में वही भाव रखें जो यदि खुद के द्वारा इस अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना की प्राप्ति की अपेक्षा में रहता। उन्होंने कहा कि वादी के स्थान पर स्वयं रहकर हमेशा सोचना चाहिए और सूचनाओं का उतर अविलंब दे देना चाहिए। उन्होनें कहा अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम की मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में लोकहित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा सूचनाओं को प्रदान करने में अनावश्यक विलंब नहीं किया जाना चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के संदर्भ में पूरी जानकारी अर्थात सूचना कब प्राप्त हुई, सूचना का विषय, सूचना की स्थिति आदि के संदर्भ में पूरी जानकारी एक पंजिका में रखी जानी चाहिए।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक अभिनव त्यागी, उप जिलाधिकारी मु0 जफर, आशुतोष, तहसीलदार कप्तानगंज, सहित पुलिस विभाग से समस्त जन सूचना अधिकारी, समस्त तहसीलों/कलेक्ट्रेट के जन सूचना अधिकारी सहित ए0ओ0 कलेक्ट्रेट राजेश श्रीवास्तव के साथ अन्य अधिकारी /कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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