November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता का किया गया आयोजन


देवरिया (राष्ट्र की परंपरा)
सन्त विनोबा पी.जी. कालेज देवरिया के मनोविज्ञान विभाग में पाँच दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन आज महाविद्यालय के छात्र-छात्राओ द्वारा पोस्टर एवं स्लोगन बनाकर प्रस्तुत किया गया। यह आयोजन इस वर्ष की थीम ” मानसिक स्वास्थ्य एवं सभी के कल्याण को एक वैश्विक प्राथमिकता बनाना ” पर आधारित था जिसमें कुल तीस छात्र/ छात्राओं ने पोस्टर बनाकर प्रतिभाग किया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षको द्वारा विद्यार्थियों की कृतियो का अवलोकन एवं मूल्यांकन किया गया।इस अवसर पर छात्र-छात्राओ की समस्याओं को डाॅ० नाजिश बानो (विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान) तथा डा० शगुफ्ता फरोज द्वारा काउंसलिंग भी की गई ।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अर्जुन मिश्र ने विद्यार्थियों के कार्यो की सराहना और उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए पैसा नहीं सन्तोष आवश्यक है।यह कलाकृतिया आपके प्रतिभा और संतोष दोनो को दिखा रही है।विद्यार्थीयों को सम्बोधित करते हुए डा0 नाज़िश बानो ने बताया कि समय का प्रबन्धन जीवन में अति आवश्यक है, इसलिए समय के मूल्य को समझे।अपने व्यवहार और जीवन शैली को समयानुकूल महत्व दें। उसके लिए ना कहना सीखे, यदि आपको लगता है, कि किसी बेकार कार्य मे समय बर्बाद होगा।आपकी नकारत्मकता बढ़ेगी, तो बेझिझक मना कर दें। अपने निरर्थक चिन्तन के लिए भी ‘ना’ का भाव रखें इससे आपका समय बचेगा पूरे समय को अपने परिवार समाज तथा बुजुर्ग लोगों के साथ सार्थक अन्तक्रिया को लगाएं। उससे आपमे आत्मविश्वास, मनोबल, आत्मसम्मान में वृद्धि देगी और आप मानसिक तथा शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ महसूस करेगें। इस अवसर पर शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यापक मन्तोष मौर्य ने विद्यार्थियों को बताया कि कैसे हम स्वास्थ्य वर्धक भोजन एवं शारीरिक आराम के द्वारा अपने शरीर और मन को स्वस्थ रख सकते हैं।
डा० शगुफ्ता अफरोज़ ने बच्चों को परीक्षा के भय से उपजने वाले तनाव एवं चिन्ता को दूर करने का उपाय बताते हुए कहा कि तनाव एवं चिन्ता अगर मध्यम स्तर हो तो वह कार्य को प्रभावी ढंग से करने में सकारात्मक योगदान देती है, किन्तु यदि चित्ता का स्तर बहुत कम या अत्यधिक हो जाता है तो वह हमारे कार्य के परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। अत: परीक्षा के समय चिन्ता स्व तनाव को अत्यधिक न बढ़ने दें। इस अवसर पर प्रो वाचस्पति द्विवेदी, प्रो मंशा देवी, प्रो. अशोक सिंह,प्रो० शैलेन्द्र राव, डा० विवेक मित्र, डा० राजकुमार गुप्त, पुनीत सिंह, प्रियंका राय, डा० विद्यावती गुप्ता सुजीत कुमार ,डा अवनीश राव तथा कर्मचारी गण उपस्थित से रहें।