December 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जूनियर छात्रों ने सीनियर्स को दी विदाई

उतरौला ,बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)।
उतरौला कस्बा के प्रसिद्ध विद्यालय टाइनी टॉट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा दस व कक्षा बारह के बच्चो के लिए फॉरएवर पार्टी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम विद्यालय के डायरेक्टर सैफ अली व प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुरुआत किया। इस दौरान जूनियर्स ने सीनियर बच्चों के माथे पर तिलक लगाकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। मंच का संचालन कक्षा 11 की छात्रा साबिया कक्षा 9 की छात्रा शगुन गुप्ता व लाइबा तथा कक्षा 8 की छात्रा श्रुति गोस्वामी ने किया। तत्पश्चात बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रज्ञा, अमान, सना, जानवी, साक्षी, शगुन वर्मा, सृष्टि, किंजल, दिव्या, ईशानी, फैज़, मारिया अनुष्का, एंजेल, सोनाक्षी,आदि से भाग लिया।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह ने कहा कि मेरे प्यारे छात्रों, मेरे अपने अनुभव के अनुसार, आपको अपने जीवन में बहुत सी कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। तो भी आप उनसे घबराना नहीं, और मजबूत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते जाना। तुम्हारा विश्वास, साहस, धैर्य और कठिन परिश्रम ही है, जो तुम्हें भविष्य में आगे की ओर ले जाएँगे और तुम्हें उज्ज्वल भविष्य प्रदान करेंगे। मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके साथ है। मैं एल्बर्ट आइंसटिन की कही लाइन आपसे कहना चाहूँगा:“सफल व्यक्ति बनने की कोशिश मत करो, लेकिन इसके स्थान पर मूल्यवान व्यक्ति बनो।विद्यालय के डायरेक्टर सैफ अली ने कहा कि विद्यार्थी किसी भी स्कूल की सबसे कीमती सम्पत्ति होते हैं, उनके बिना शिक्षक और विद्यालय कुछ भी नहीं है। यद्यपि, यह भी सत्य है कि, विद्यार्थी भी एक अच्छे अध्यापक के बिना कुछ नहीं है या अधूरे हैं। इसलिए, एक दूसरे के महत्व के लिए दोनों ही बराबर जिम्मेदार है। हम यह नहीं कह सकते, कि केवल शिक्षक ही, छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं हालांकि, विद्यार्थी भी शिक्षक के महत्व और मूल्य को बनाने में महान भूमिका निभाते हैं। छात्रों के भविष्य को आकार देने और निर्माण करने में, दोनों की ही सम्मान भागीदारी की आश्यकता है।एक अच्छा विद्यार्थी, एक अच्छे शिक्षक की अनुपस्थिति में कुछ नहीं कर सकता और जब किसी शिक्षक को अच्छा छात्र नहीं मिलता तो वह उसे अपना दुर्भाग्य समझता है। यह शिक्षक की जिम्मेदारी होती हैं कि, वह अपने छात्र को सही रास्ते पर लाए हालांकि, यह छात्र की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने शिक्षक की बताई हुई बातों का पालन करे। उन्हें विद्यालय में समान रुप से एक दूसरे का समर्थन करने की आवश्यकता है। हमारे विद्यार्थी बहुत ही अनुशासित, अच्छे संस्कारों वाले, समय के पाबंद, और जिम्मेदार व्यक्ति है। इन्होंने स्कूल के लिए अपने सभी दायित्वों को पूरा किया है, जिसके कारण हमारे स्कूल ने बहुत विकास किया और पूरे जिले में सबसे अच्छी शिक्षा को प्रदान करने वाले स्कूल की छवि बनाई है। यह सबकुछ मेरे प्रिय छात्रों और शिक्षकों के कठिन प्रयासों के माध्यम से संभव हो पाया है।विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि आज हम लोग इस विद्यालय में लगभग 12 वर्ष बिताने के बाद युवा छात्र छात्राओं के समूह को विदाई देने के लिए भारी संख्या में एकत्रित हुए।आप लोग कई वर्षों से इंतजार कर रहे हैं कि बाहर जाकर कॉलेज में दाखिला लें। आखिरकार लंबे इंतजार को तोड़ने और उन्हें कॉलेज की एक नई दुनिया में प्रवेश करने का मौका देने के लिए स्कूल के द्वार छोड़ने का दिन आ गया है।
इस विद्यालय में मैं लंबे समय से शिक्षक के रूप में मैं कार्य कर रहा हूं,मैने जो महसूस किया है उस बारे में कुछ कहना चाहूंगा। मेरे प्रिय विद्यार्थियों, आपके उज्ज्वल भविष्य को आकार देने में हमें और आपको बारह वर्ष लग गए। मैंने तुममें अपना बढ़ता हुआ बचपन देखा।भविष्य में कुछ बेहतर करने की आपकी इच्छाशक्ति के कारण यह एक लंबी यात्रा बहुत जल्दी बीत गई।हम आपसे प्यार करते हैं और आपकी परवाह करते हैं, कभी-कभी हम कठिन कार्यों से भरे होते हैं। आप सभी को सलाह देता हूं कि इस विद्यालय की दहलीज पर खड़े होकर पीछे मुड़कर न देखें। बस आगे देखो और दुनिया को देखने के लिए आगे बढ़ो। हमारी शुभकामनाएँ सदैव आपके साथ हैं।
विद्यालय के अध्यापक कामेश्वर दत्त तिवारी ने कहा कि दुनिया को तुम्हारे जैसे अधिक बुद्धिमान युवाओं की जरूरत है। सफलता आपके रास्ते पर होगी। अपने दिमाग में कुछ ऐसा रखें जो आपके कार्यों में हमेशा सही हो, और यह कभी न भूलें कि सत्य की जीत होती है। अपनी शक्ति का उपयोग दूसरों को खुश करने के लिए करें न कि दुखी करने के लिए। किसी भी बुरी स्थिति के आगे हार न मानें और खुद पर दृढ़ विश्वास रखें। जाओ और अपना नाम, प्रसिद्धि और पैसा कमाओ और हमें अपनी सफलता की कहानियाँ सुनाने के लिए मेरे पास वापस आओ विद्यालय के अध्यापक रशीद रिजवी ने कहा कि मैं आपके साथ स्वामी विवेकानन्द द्वारा कही गयी कुछ प्रेरक पंक्तियाँ साझा करना चाहता हूँ। स्वामी विवेकानन्द के भाषण हमें अपनी आंतरिक शक्ति को अपनाने, अथक रूप से ज्ञान प्राप्त करने और करुणा तथा अटूट दृढ़ संकल्प के साथ मानवता की सेवा करने के लिए कहते और प्रेरित करते हैं।“एक विचार उठाओ। उस एक विचार को अपना जीवन बना लो-उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, और उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और अपने शरीर के हर हिस्से को उस विचार से भरा रहने दें और बाकी सभी विचारों को अकेला छोड़ दें। यही सफलता का रास्ता है।” इस अवसर पर अनिल कुमार गुप्ता, सुनील कुमार भारती, भुवनेश्वर तिवारी, बृजभूषण मिश्रा, महेश कुमार गुप्ता, राशिद हुसैन, दिनेश कुमार, फजल जाफरी, भूपेंद्र कुमार सिंह, राजेश कुमार, रशीद अब्बास, अफरोज, स्वाति नाग, रेखा जायसवाल, माधुरी सोनी, सिमरन सोनी, अकमल अब्बास, रानी गुप्ता, अश्विनी गुप्ता, कामेश्वर दत्त तिवारी, सविता सोनी, मुजीब खान,शिव शंकर गुप्ता आदि उपस्थित रहे।