बहुत बड़ी बात है चाहतों, हसरतों की
वक्त व दिल अपने आपमें मगरूर हैं,
इनसे न कोई जीता है, न जीत पाएगा,
चूँकि ज़िंदगी किसी और के अधीन हैं।
हमारे हृदय की सुंदरता से बढ़कर
कोई और चीज़ सुंदर नहीं होती है,
परंतु हमारे विचारों की सुंदरता तो
उससे भी अधिक सुन्दर होती है।
हमारे विचार ऐसे होने चाहिये
कि कल की लड़ाई के कारण
आज का संवाद नही रुकने पाये,
रिश्तों में दरार भी नहीं आने पाये।
विद्वानों, ऋषि संतो के प्रवचन से,
शिक्षा व ज्ञान को श्रद्धा सहित पूरे
मनोयोग से श्रवण व ग्रहण करना है,
उसके अनुसार ही आचरण करना है।
आदित्य इसके अनुसरण से प्रेम एवं
धर्मं का ज्ञान बढ़ता है,द्वेष दूर होता है,
ज्ञान की प्राप्ति होती है और माया की
निरासक़्ति से मुक्ति प्राप्त होती है।
•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ
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