
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)l कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी आकाश दीप बधावन के संयोजन में वन्य जीव प्रभाग कतर्नियाघाट रेंज अन्तर्गत इण्टरप्रटेशन सेन्टर स्थित मीटिंग हॉल में राष्ट्रीय अकादमी सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी आंचलिक परिसर एन०ए०सी०आई०एन कानपुर द्वारा कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के सहयोग से वन्य जीव संरक्षण में प्राविधानों को शामिल करने के संदर्भ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। अप्रत्यक्षकर वन विभाग के अधिकारी, सीमा शुल्क विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस एवं सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गयाl
प्रभागीय वनाधिकारी, कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग बहराइच एवं जॉइंट डायरेक्टर एन०ए०सी०आई०एन & डी०आर०आई तथा वन अधिवक्ता द्वारा अपनें Presentation के माध्यम से वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में हुए संशोधन के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया।
स्थाई अधिवक्ता भारत सरकार संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने वन्य जीव हिंसा व तस्करी तथा अवैध वन कटान पर चिंता जताते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का अधिकाधिक संख्या में रोपण व उनके संरक्षण तथा जल संरक्षण के लिए युकलिप्टस प्रजाति के पेड़ व मेंथा की खेती पर स्थाई रूप से प्रतिबंध लगाए जाने का आवाहन किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से एडिशनल डायरेक्टर कस्टम देवेन्द्र सिंह , डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस बाल मुकुंद व हर्ष श्रीवास्तव , लैंड कस्टम रुपईडीहा के अधीक्षक एस०के श्रीवास्तव ,विश्व प्रकृति निधि के क्षेत्रीय अधिकारी दबीर हसन , फॉरेस्टर अभिज्ञान सूर्यवंशी समेत एसएसबी के थर्ड , 70वीं , 42वीं वाहिनी से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे। समापन अवसर पर वन्यजीव व वन से संबंधित अपराध को रोकने का सामुहिक संकल्प भी लिया गया।
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