
महराजगंज ( राष्ट्र की परम्परा )जिला मुख्यालय से सिदुरिया होते हुए निचलौल जाने वाली सड़क के बीचों बीच बने गढ्ढे किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं। इस सड़क से हजारों वाहन जिला मुख्यालय से लेकर सीमावर्ती क्षेत्र ठूठीबारी, निचलौल सहित अन्य स्थानों के लिए गुजरती हैं। फिर भी कई माह से सड़क के बीचों बीच में बने गढ्ढे पर जनप्रतिनिधि और विभाग के किसी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ पाना हैरानी की बात हैं। जिला मुख्यालय से सिंदुरिया होते हुए एक मुख्य सड़क निचलौल और सीमावर्ती क्षेत्र ठूठीबारी तक जाती हैं। सिंदुरिया चैराहे से लगभग एक किलोमीटर आगे बढ़ने के बाद परसा के नजदीक सड़क के बीचों बीच में कई गढ्ढे बन गये हैं। यह गढ्ढे काफी गहरे हैं जिनमें फंसकर बाईक सवार सहित अन्य भारी वाहन भी अपना नियंतत्रण खो दे रहें ,जो किसी भीषण हादसे को दावत देते हैं। सड़क पर गढ्ढे सिर्फ एक नहीं बल्कि कई गढ्ढे बन गये हैं जिससे वाहन चालकों को बच पाना मुष्किल होता हैं। वाहन चालक कितना भी अपने वाहन की गति को धीमा कर इन गढ्ढो से बचने की कोशिश करें फिर भी वाहन के पहिए इन गढ्ढों में गिर ही जाते है। हांलाकि यह गढ्ढे पिछले लगभग छह माह से वैसे ही पड़े हुए हैं लेकिन किसी जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती हैं। हैंरानी करने वाली बात यह हैं कि इस सड़क से रोजाना कोई न कोई जनप्रतिनिधि गुजरता हैं भाषणों में बड़े -बड़े दावें करने वाले जनप्रतिनिधियों को जनता के लिए इतना बड़ा मुसिबत नहीं दिखाई देता हैं। यदि जनप्रतिनिधियों के बातों को दरकिनार कर दे तो निचलौल तहसील में जिलास्तरीय समाधान दिवस और निरीक्षण के लिए जिला स्तर के अधिकारियों का भी आना जाना लगा ही रहता हैं लेकिन अधिकारी भी इस गढ्ढे से अपने वाहनों को बचाकर निकाल ले जातें हैं ,और इस गढ्ढे को भरवाना उचित नहीं समझते हैं। ऐसे में राहगिरों के लिए इन गढ्ढो से बचकर निकल पाना मुष्किल ही हैं।
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