July 12, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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रसायन रहित फल-सब्जियों को वाटिका में उगाएं: डॉ. केएम सिंह

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)l कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा में दो दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण विषय पोषण वाटिका द्वारा मूल्य संवर्धन का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. के.एम. सिंह ने की। डॉ सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि एक पांच सदस्य वाले औसतन परिवार को पूरे सालभर की इन सब्जियों की ज़रूरत को पूरा करने के लिए 200 से 250 वर्ग मीटर की ज़मीन काफ़ी है। इसमें छोटी-छोटी क्यारियां बनाकर उसमे ज़रूरत के अनुसार पोषक तत्व वाली सीजन व फसल चक्र अपनाकर सब्जियों को उगाना चाहिए।

उन्होनें बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, प्रति दिन प्रति व्यक्ति को 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए। जिसमें हरी पत्तेदार सब्जी 115 ग्राम, कंद वर्गीय सब्जी 115 ग्राम और अन्य दूसरी सब्जी की मात्रा 70 ग्राम होनी चाहिए। डॉ. सिंह आगे कहते हैं कि बड़े-बड़े शहरों में रहने वाले खेती के लिए ज़मीन न होने पर ऐसे लोग अपनी छत पर गमलों में पोषण वाटिका असानी से तैयार कर सकते हैं। केंद्र के वैज्ञानिक गृह विज्ञान रेनू आर्या ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण में बताया सब्जी उत्पादन में रसायनों का इस्तेमाल खरपतवार कीड़े व बीमारियों रोकने के लिए किया जाता है, इन रसायनों का कुछ अंश फल एवं सब्जी में बाद तक बना रहता है, जिसके कारण उन्हें इस्तेमाल से बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है, साथ ही अनेकों असाध्य बीमारियां हो जाती है व फलों व सब्जियों के स्वाद में अंतर आ रहा है। इसलिए हमें अपने घर के आंगन या आसपास की खाली जगह में जैविक खादों का इस्तेमाल कर के रसायन रहित फल सब्जियों पोषण वाटिका के माध्यम से उगाएं।

उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। पोषण वाटिका से परिवार, पड़ोसियों तरोताजा हवा, प्रोटीन, खनिज एवं विटामिन से युक्त फल, फूल व सब्जियां प्राप्त होती हैं। साथ ही साथ परिवार के सदस्यों द्वारा बगिया में कार्य करने से शारीरिक व्यायाम भी होता है। कार्यक्रम में सभी प्रशिक्षणार्थियों को जायद पोषण वाटिका सब्जी किट का वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त यदि फलदार पौधे जैसे-नीबू, पपीता, आम अमरूद आदि भी बगिया में लगे हों, तो फलों के लिए खर्च होने वाले बजट की भी बचत की जा सकती है ।
वास्तव में स्वयं की देखरेख एवं मेहनत से पैदा की गई सब्जियों का स्वाद और आनंद कुछ अलग ही होता हैl इस प्रकार पोषण वाटिका स्थापित करना परिवार के स्वास्थ्य एवं समृद्धि के लिए बुद्धिमत्तापूर्ण कदम साबित होगा।

कार्यक्रम में शकीला नानो, सीमा सरोज, ममता देवी, अनीता वर्मा, प्रतिमा चौधरी आदि उपस्थित थी।