विश्वविद्यालय के नवगठित सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ” तरंग ” की प्रथम निदेशक बनीं प्रो. उषा सिंह - राष्ट्र की परम्परा
August 18, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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विश्वविद्यालय के नवगठित सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ” तरंग ” की प्रथम निदेशक बनीं प्रो. उषा सिंह

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के रचनात्मक और सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करने हेतु एक नई पहल के रूप में सांस्कृतिक प्रकोष्ठ “तरंग” की स्थापना की गई है। इस नवगठित प्रकोष्ठ की प्रथम निदेशक के रूप में ललित कला संगीत विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर उषा सिंह को नियुक्त किया गया है।
विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक, जो कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता में आयोजित हुई, उसमें “तरंग” (कलात्मक अभिव्यक्ति की पहचान एवं संवर्धन) केंद्र की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की गई। यह केंद्र नृत्य, संगीत, रंगमंच, साहित्य एवं कला जैसी विविध विधाओं में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
तरंग के अंतर्गत कुल चार सांस्कृतिक क्लब—संगीत क्लब, नृत्य क्लब, साहित्यिक क्लब और रंगमंच क्लब—की शुरुआत की जाएगी। इन क्लबों के माध्यम से नियमित कार्यशालाएं, प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी, जिससे छात्र राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के साथ-साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) एवं फिल्म और टेलीविजन संस्थान भारत (एफटीआईआई) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश की दिशा में आगे बढ़ सकें।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि”तरंग हमारे विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में एक रचनात्मक और जीवंत पहल है। यह मंच उनकी अंतर्निहित रचनात्मक प्रतिभाओं को उजागर करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे न केवल उनका व्यक्तित्व निखरेगा, बल्कि विश्वविद्यालय परिसर में एक समावेशी और सजीव सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण भी होगा।”
विश्वविद्यालय प्रशासन को पूर्ण विश्वास है कि “तरंग” केंद्र विद्यार्थियों की सांस्कृतिक चेतना को नई दिशा प्रदान करेगा और उन्हें भविष्य में एक सशक्त रचनात्मक नेतृत्व के रूप में उभारने में सहायक सिद्ध होगा।