पहली बार गर्भवती होने पर तीन किस्तों में मिलते हैं 5000 रुपये
मातृ मृत्यु एंव शिशु मृत्यु-दर में कमी लाना योजना का मुख्य उद्देश्य
समस्या आने पर कॉल करें टोल फ्री नम्बर –104 पर
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)
पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए जनवरी 2017 में शुरू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना उनके लिए वरदान साबित हो रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का 81477 महिलाओं को लाभ आज तक मिल चुका है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना व गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध कराना है। योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के खाते में तीन किस्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी ने बताया कि इस योजना का शत-प्रतिशत लाभ पात्र गर्भवती को दिलाने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रायः निर्देशित किया जाता रहता है कि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना से वंचित न रहे। मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, गर्भवती व धात्री महिलाओं के सही खान-पान व पोषण की स्थिति में सुधार लाना इस योजना का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2017 में इस योजना का शुभारंभ किया था। विभाग का पूरा प्रयास रहता है कि इस योजना का लाभ शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। प्रत्येक माह लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत लाभ दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। 9 नवम्बर 2022 तक 90543 पात्र पहली बार हुई गर्भवती को लाभ देने के लिए पंजीकरण किया जा चुका है। जिसके सापेक्ष 81477 (लगभग 90 प्रतिशत) महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है
तीन किस्तों में मिलते हैं 5000 रुपये
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक इमरान अहमद ने बताया कि इस योजना में पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं। तीन किस्तों में 5000 रुपये की धनराशि लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है। इसके साथ ही पीएमएमवीवाई का 104 टोल फ्री नम्बर भी जारी किया जा चुका है । कोई भी लाभार्थी उक्त टोल फ्री नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
जानें कैसे मिलेगा योजना का लाभ
सामुदायिक एवं नगरीय/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, गर्भवती महिला व उसके पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाता की पासबुक की फोटो कॉपी फार्म भरते समय जमा करना होता है।
क्या कहाँ लाभार्थियों ने
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