
पटना (राष्ट्र की परम्परा)। बिहार सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत शिक्षा ऋण लेने वाले करीब 55 हजार छात्र अब तक न तो ऋण चुकाए हैं और न ही किसी प्रकार का जवाब दिया है। इसके चलते राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की हालिया समीक्षा में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग द्वारा कुल 60,722 छात्रों की सूची बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम को भेजी गई थी, जिनके विरुद्ध नीलाम पत्र वाद (Certificate Case) दायर करने का आदेश जारी किया गया था। इनमें से मात्र 5,737 छात्रों ने या तो शपथपत्र दिया या फिर ऋण की किस्तें चुकाई हैं। शेष 54,985 छात्र पूरी तरह से लापता हैं — न वे संपर्क में हैं, न ऋण चुका रहे हैं।
पटना और समस्तीपुर टॉप पर
इन फरार छात्रों में सर्वाधिक संख्या पटना और समस्तीपुर जिलों से है। यही नहीं, कई छात्रों ने कोर्स पूरा करने के बाद भी नौकरी की जानकारी नहीं दी और कई छात्र बिहार छोड़ चुके हैं। इससे सरकार की ऋण वसूली की प्रक्रिया गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
अब दर्ज होंगे मुकदमे
अब ऐसे छात्रों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जो छात्र जानबूझकर ऋण नहीं चुका रहे हैं, उनके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया सख्ती से आगे बढ़ाई जाएगी। इस क्रम में प्रॉपर्टी अटैचमेंट, बैंक खाता सीज जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।
अधिकारियों की नजर
शिक्षा वित्त निगम के अधिकारियों का कहना है कि सरकार छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना चला रही है, लेकिन यदि कोई योजना का दुरुपयोग करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई लाजमी है।
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