
मध्य प्रदेश(राष्ट्र की परम्परा)
मध्य प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति समय सीमा 1 वर्ष और बढ़ाए जाने के फैसले, को गलत बताते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ती हुई बेरोजगारी के समय पर सरकार द्वारा यह फैसला लेना गलत है। मध्यप्रदेश में लगभग 30 लाख युवा पंजीकृत बेरोजगार हैं। दर-दर रोजी रोटी के लिए भटक रहे हैं, उनके समक्ष कोई रास्ता नहीं दिखाई देता, ऐसे में हमे सरकार द्वारा नौकरी प्रदान की जानी, चाहिये।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी नौकरी करने वालों के सेवानिवृत्ति समय सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया गया है, इस पर मंडी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ,राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ,मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के महामंत्री मध्यप्रदेश, अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि, मध्य प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में 1 वर्ष की वृद्धि करने जा रही हैं, जो कि उचित नहीं है संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष ठाकुर संजय सिंह गहलोत, अपाक्स के जिला अध्यक्ष राजेश सावकारे, अजाक्सके अध्यक्ष राजेश साल्वे, सतीश दामोदरे, अनिल बाविस्कर, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष हेमंत सिंह, बेस लिपिक वर्गीय संभागीय अध्यक्ष ठाकुर अरविंद सिंह, वन कर्मचारी संघ के सचिन हमबर, आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के पवन सिंह, मंडी कर्मचारी महासंघ के सदानंद कापसे, शेख महमूद, टीडब्ल्यूए के जितेंद्र शर्माआदि ने बताया कि
सेवा वृद्धि व सेवानिवृत्ति में वृद्धि ना करते हुए प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में बेरोजगारी बहुत है, सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बिल्कुल नहीं बढ़ाना चाहिए सरकार को बेरोजगार युवाओं को नौकरी के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। जिस प्रदेश में 30 लाख से अधिक बेरोजगार पंजीकृत है उस प्रदेश में सेवारत कर्मचारी की आयु बढ़ाने से बेरोजगारों के रोजगार के अवसर खत्म होंगे, रोजगार में आने के लिए एक उम्र होती है उस उम्र तक आवेदन नहीं कर पाए या भर्ती नहीं निकले तो, वह व्यक्ति अयोग्य साबित होगा । नौजवान बेरोजगार रोजगार के लिए बहुत बड़ा कुठाराघात है, मध्य प्रदेश सरकार को सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की जगह 2004 से बंद पुरानी पेंशन वरिष्ठता प्रदान करते हुए लागू करना चाहिए।
