जवान भारत बूढ़ा चीन- रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की बजाई बीन

चीन सरकार का पेंशन का टेंशन,इसीलिए लिया रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने का एक्शन?

चीन के संकुचित कार्यबल,घटती अर्थव्यवस्था व वृद्ध नागरिकों के लिए पेंशन फंड की कमी से निपटने रिटायरमेंट उम्र सीमा बढ़ाना उपाय हो सकता है

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर सर्वविदित है कि आज दुनियां के अनेक देशों में भारत सबसे युवा देशहै व कुछ कर गुजरने की चाहत का संकल्प हर युवा ने ले लिया है जिसे देखकर पूरे विश्व को यह विश्वास हो चला है कि भारत अपने विजन 2047 में जरूर कामयाब होकर एक विकसित भारत देश हो जाएगा, इसलिए ही हमारे पीएम महोदय अपने अनेक संबोधनों में बार बार भारत के युवा राष्ट्र होने और पूरे जनसंख्यकीय तंत्र का लाभ उठाकर विज़न 2047 को पूर्ण करने में सहयोग करने को रेखांकित करते हैं। यह बात आज हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि लंबे समय के विचार विमर्श मंथन के बाद दिनांक 13 सितंबर 2024 को विस्तारवादी देश चीन के संकुचित कार्यबल, घटती अर्थव्यवस्था व वृद्ध नागरिकों के लिए पेंशन फंड की कमी से निपटने के लिए रिटायरमेंट उम्र सीमा बढ़ाने का उपाय किया है,जिसकी घोषणा उन्होंने देर शाम की है बहरहाल चीन की रिटायरमेंट की उम्र मौजूदा वक्त में दुनियां में सबसे कम है। चीन की तुलना में भारत की आबादी काफी युवा है, उसे औद्योगिक क्षेत्र में इसका काफी ज्यादा लाभ भी मिल रहा है। इकोनॉमी के कई मोर्चों पर चीन पिछड़ता दिख रहा है। गौरतलब है कि चीन में जीवन प्रत्याशा 1960 में लगभग 44 साल से बढ़कर 2021 तक 78 वर्ष हो गई है।इसके 2050 तक 80 साल से अधिक होने का अनुमान है, इसलिए चीन में कामकाज के नियमों में सुधार तत्काल जरूरी है।साथ ही, बुजुर्गों का भरण पोषण करने के लिए जरूरी कार्यशील आबादी लगातार घट रही है।चीन में पुरुषों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 60 सेबढ़ाकर 63 साल की जाएगी।जबकि व्हाइट कॉलर काम करने वाली महिलाओं के लिए यह 55 साल से बढ़ाकर 58 साल की जाएगी। वहीं ब्लू-कॉलर काम करने वाली महिलाओं के लिए यह 50 साल से बढ़ाकर 55 साल की जाएगी। ये बदलाव 1 जनवरी, 2025 से लागू होने वाले हैं और इन्हें 15 साल में लागू किया जाएगा। लोगों को लंबे समय तक काम करने देने से पेंशन बजट पर दबाव कम होगा,क्योंकि कई चीनी प्रांत पहले से ही बड़े घाटे से जूझ रहे हैं, लेकिन पेंशन भुगतान में देरी और बूढ़े कर्मचारियों को लंबे समय तक अपनी नौकरी पर बने रहने की जरूरत सभी को पसंद नहीं आएगी। शिन्हुआ मे आई इस रिपोर्ट के बाद कि चीन के सांसदों ने 10 सितंबर को इस विषय पर चर्चा की थी जबकि लाखों लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया, जिसमें कई लोगों ने चिंता जताई की कि बहुत कम नौकरियों की जगह खाली होने के कारण अधिक नौकरी चाहने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी।चीन सरकार के मुताबिक पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम कामकाजी अवधि को 15 साल से बढ़ा कर 20 साल करने की योजना है, जो 2030 तक लागू होगी।चूंकि चीनी सरकार को संकुचित कार्यबल, घटती अर्थव्यवस्था व वृद्ध नागरिकों की पेंशन का टेंशन है, जिसके लिए रिटायरमेंट उम्र सीमा बढ़ाना मजबूरी है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, जवान भारत बूढ़ा चीन,रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई की बजाई बीन?
साथियों बात अगर हम चीन में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने की करें तो, चीनी सरकार नेशुक्रवार को देश में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की योजना की घोषणा करते हुए एक कानून पारित किया । मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन द्वारा पूरी योजना जनवरी 2025 से शुरू होने वाले 15 वर्षों के कार्यकाल के दौरान लागू की जाएगी।उल्लेखनीय रूप से, चीनी अर्थव्यवस्था वर्तमान में अपनी गिरती अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सिकुड़ते कार्यबल और अपने वृद्ध नागरिकों के लिए पेंशन फंडिंग संकट के गंभीर संकट का सामना कर रही है,इस कदम को सोशल मीडिया परअपने नागरिकों से कड़ी प्रतिक्रिया मिली है,नागरिकों का दावा है कि यह उनके कार्य वर्षों को बढ़ाने और उन्हें अपनी पेंशन तक पहुँचने से रोकने की एक चाल है क्योंकि देश के युवाओं में बेरोजगारी का स्तर अभी भी उच्च बना हुआ है।इसी रिपोर्ट के अनुसार,विलंबित सेवानिवृत्ति का मतलब सिर्फ इतना है कि आप 63 वर्ष की आयु तक अपनी पेंशन नहीं पा सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तब तक सभी के पास नौकरी होगी! एक उपयोगकर्ता ने लिखा। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में बुजुर्गों की संख्या वर्तमान में 20 प्रतिशत से अधिक है, जो देश की आबादी का लगभग 297 मिलियन है। चीन के जनसांख्यिकीविदों का अनुमान है कि 2030 से 2035 के बीच बुजुर्गों की आबादी कुल चीनी आबादी का 30 प्रतिशत तक हो जाएगी। और यह संख्या 2050 तक 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। मीडिया की रिपोर्ट में चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी द्वारा प्रकाशित 2019 की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है, जो एक सरकारी थिंक टैंक है जिसने दावा किया था कि चीन का राज्य पेंशन फंड 2035 तक अपने घटते कर्मचारियों और सख्त महामारी संबंधी प्रतिबंधों के वर्षों के कारण सूख जाएगा, जिसने स्थानीय सरकारों के खजाने को कम कर दिया है। पिछले साल चीन में कई बुजुर्गों ने अपने कर्मचारी चिकित्सा लाभ में बड़ी कटौती को लेकर कई प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। राज्य मीडिया के अनुसार, इस साल जुलाई में, चीन में युवा बेरोजगारी दर 16 से 24 वर्ष की आयु के लोगों में 17.1 प्रतिशत थी, और 25 से 29 वर्ष की आयु के लोगों के लिए 6.5 प्रतिशत थी। इसमें कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण नियोक्ता भर्ती में कटौती करना जारी रखते हैं और लोगों, विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्रों में, 35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए भर्ती में व्यापक रूप से विस्तृत आयु भेदभाव देखा गया है।
साथियों बात अगर हम इस रिटायरमेंट उम्र सीमा के बढ़ने से रोजगार व जनता के विरोध की चुनौती की करें तो,चीन में रोजगार बाजार अभी भी चुनौतीपूर्ण है और जुलाई में 16-24 साल की उम्र के युवाओं की बेरोजगारी दर 17.1प्रतिशत और 25-29 साल के युवाओं के लिए 6.5 प्रतिशत थी। इसके अलावा, 35 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए नौकरी में उम्र भेदभाव की शिकायतें भी हैं।पिछले साल, कई वृद्ध नागरिकों ने बड़े शहरों में अपने चिकित्सा लाभों में कटौती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उन प्रदर्शनों में लोगों ने आशंका जताई थी कि सरकार पेंशन फंड की कमी पूरी करने के लिए उन्हें दबाव में डाल रही है। चीन की वृद्ध जनसंख्या वर्तमान में कुल जनसंख्या का लगभग 20 प्रतिशत है और सन 2030 2035 तक 30 प्रतिशत और 2050 तक 40 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। चीनी अकादमी ऑफ सोशल साइंसेज की 2019 की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि राज्य पेंशन फंड 2035 तक खत्म हो सकता है, क्योंकि कार्यबल घट रहा है और महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के कारण स्थानीय सरकारों के फंड सिकुड़ गए हैं।चीन सरकार के इन प्रस्तावित बदलावों को लेकर सोशल मीडिया पर व्यापक विरोध हो रहा है। नागरिकों का कहना है कि यह कदम उनका कार्यकाल बढ़ाने और पेंशन तक पहुंच को विलंबित करने के लिए है, जबकि देश में युवाओं की बेरोजगारी उच्च स्तर पर बनी हुई है। कामकाजी अवधि बढ़ाने की योजनाचीनी सरकार की यह योजना रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने और पेंशन के लिए कामकाजी अवधि बढ़ाने की है, जो इन जटिल जनसांख्यिकीय और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाई गई है। हालांकि इस फैसले ने नागरिकों में चिंता और असंतोष को जन्म दिया है, जो उनकी वित्तीय और रोजगार सुरक्षा पर इसके प्रभाव के लिए चिंतित हैं।
साथियों बात अगर हम चीन में 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में से 11 पेंशन बजट घाटे में चलने की करें तो,आधिकारिक शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने मीडिया में बताया कि मंगलवार को बीजिंग में शीर्ष नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के सदस्यों ने इस विषय पर चर्चा की, जिसके बाद यह विषय चीनी सोशल मीडिया पर शीर्ष ट्रेंडिंग आइटम बन गया, जिसमें कई लोगों ने अपर्याप्त रिक्तियों के पीछे अधिक नौकरी चाहने वालों के बारे में चिंता व्यक्त की, साथ ही बुजुर्गों का समर्थन करने के लिए आवश्यक कार्यशील आबादी कम हो रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों को उम्मीद है कि 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का समूह 2035 तक 280 मिलियन से बढ़कर 400 मिलियन से अधिक हो जाएगा, जो ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका की संयुक्त वर्तमान आबादी के बराबर है।प्रत्येक चीनी सेवानिवृत्त व्यक्ति को अब पाँच कर्मचारियों के योगदान से सहायता मिल रही है, जो एक दशक पहले की तुलना में आधी है और 2030 में 4-से-1 तथा 2050 में 2-से-1 की ओर बढ़ रही है।वित्त मंत्रालय के आँकड़ों से पता चलता है कि चीन के 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में से ग्यारह पेंशन बजट घाटे में चल रहे हैं। सरकारी चीनी विज्ञान अकादमी का मानना ​​है कि2035 तक पेंशन प्रणाली में पैसे खत्म हो जाएँगे। नौकरी की चिंताएँ सेवानिवृत्ति की आयु को समायोजित करने के लिए कानून में मसौदा परिवर्तन आने वाले हफ़्तों में सार्वजनिक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए प्रकाशित होने की उम्मीद है। युवा लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही है, मध्यम आयु वर्ग के लोग नौकरी से निकाले जाने के बारे में चिंतित हैं और अब एक और समस्या है: बुज़ुर्ग 63 वर्ष के पहले सेवानिवृत्त नहीं हो सकते।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जवान भारत बूढ़ा चीन – रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की बजाई बीन।चीन सरकार का पेंशन का टेंशन इसीलिए लिया रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने का एक्शन?चीन के संकुचित कार्यबल, घटती अर्थव्यवस्था व वृद्ध नागरिकों के लिए पेंशन फंड की कमी से निपटने रिटायरमेंट उम्र सीमा बढ़ाना उपाय हो सकता है।

-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

Editor CP pandey

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