महराजगंज में रोजगार संकट गहराया, भविष्य को लेकर बढ़ी चिंता

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। महराजगंज में युवाओं का पलायन लगातार गंभीर रूप ले रहा है। जिले के हजारों नौजवान आज भी बेहतर नौकरी, स्थायी आय और सुरक्षित भविष्य की तलाश में महानगरों की ओर रुख कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अपर्याप्त अवसर और उद्योगों की कमी इस संकट को और गहरा बना रही है। स्थिति यह है कि जनसंख्या तेजी से बढ़ी, लेकिन उसी अनुपात में रोजगार के अवसर विकसित नहीं हो सके।

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सरकार की ओर से रोजगार सृजन के कई दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग दिखाई देती है। महराजगंज जैसे सीमांत जिले में आज भी न तो बड़े उद्योगों का विस्तार हो पाया है और न ही कौशल आधारित रोजगार के लिए पर्याप्त संस्थान विकसित हो सके हैं। युवाओं का पलायन इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि स्थानीय स्तर पर स्थाई, सम्मानजनक और आय-सृजन करने वाले रोजगार लगभग न के बराबर हैं।

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ग्रामीण युवाओं पर सबसे अधिक असर

ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। एक-एक परिवार में कमाने वाला सदस्य आमतौर पर बाहर ही रहता है, जिससे परिवारों में आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा बढ़ रही है। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे घर पर अकेलेपन और असुरक्षा की स्थिति में जीवन बिताने को मजबूर हो रहे हैं। कई युवा बड़े शहरों के असुरक्षित, भीड़भाड़ वाले और अस्थाई कामों में अपना जीवन जोखिम में डाल रहे हैं, फिर भी वापस लौटने का विकल्प उनके पास नहीं।

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स्थानीय उद्योग और कृषि आधारित इकाइयाँ कमजोर

महराजगंज में छोटे उद्योग, कृषि-आधारित इकाइयाँ और स्थानीय व्यापार लंबे समय से कमजोर होते जा रहे हैं। औद्योगिक निवेश के अभाव के कारण रोजगार के नए स्रोत विकसित नहीं हो पा रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार वास्तव में पलायन पर रोक लगाना चाहती है, तो जिले में बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास, कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का विस्तार और स्थानीय उद्यमिता को मजबूत करना सबसे जरूरी कदम हैं।

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युवाओं का सवाल—“हम कब तक घर छोड़ते रहेंगे?”

जिले के युवाओं ने साफ कहा है कि वे अवसर चाहते हैं, मजबूरी नहीं। उनकी मांग है कि रोजगार उनके घर के पास उपलब्ध हों ताकि वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। जब तक स्थानीय स्तर पर पर्याप्त रोजगार नहीं बनेंगे, तब तक महराजगंज में युवाओं का पलायन रुकना संभव नहीं दिखता।

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समाधान क्या है?
विशेषज्ञों के अनुसार—
जिले में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा
कृषि आधारित उद्योगों का आधुनिकीकरण
युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्रों की संख्या बढ़ाना
स्टार्टअप और स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहन
MSME सेक्टर को मजबूत करना
यही कदम जिले के भविष्य को नई दिशा दे सकते हैं।

Editor CP pandey

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