देवरियाल(राष्ट्र की परम्परा) साहित्य शक्ति संस्थान देवरिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय काव्यमहोत्स्व के तृतीय दिवस मे कवियो और कवयित्रियो ने नव रस की गंगा बहा दी। कार्यक्रम का शानदार आगाज साहित्य शक्ति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अटल साहित्य रत्न व साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित कवि, पत्रकार,साहित्यकार,समीक्षक डा पंकज -प्राणेश के ओजस्वी संचालन मे प्रारम्भ हुआ। परम्परानुरूप औरंगाबादी कवयित्री व शिक्षिका क्षमा शुक्ल ने वाणी वंदना एक स्वर में शारदे माँ भक्त जब वंदन करें,से हुआ।अनूपपुर मध्य प्रदेश की कवयित्री रजनी उपाध्याय ने अपने सुमधुर स्वर अभिनंदन गीत गाकर कार्यक्रम को गति दी !प्रख्यात साहित्यकार व समीक्षक वृन्दावन राय सरल मध्यप्रदेश ने अपने आशीर्वचनों से सभी रचनाकारों का मार्गदर्शन किया।मंचीय परम्परा की सुपरिचित कवियत्री प्रमिला किरण ने अपनी गजल से कार्यक्रम को बहुत बड़ा बना दिया।नोएडा की कवयित्री मीनू बर्मा ने अपनी रचना क्यो भाग रहे हो तपोवन से,यह उपवन भी तो तेरा है सुनकर यह साबित कर दिया कि हिन्दी कविता का भविष्य उज्ज्वल है।जमशेदपुर की वरिष्ठ कवियत्री संजू वर्मा और मंडला मध्प्रदेश की कवियत्री योगिता चौरसिया ने अपने गीतो और गजलो को सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दी। चित्रकूट की कवियत्री व शिक्षिका शहनाज बानो और नोयडा से जुड़ी वरिष्ठ कवियत्री अंजना झा ने अपनी रचनाओं से मर रही संवेदनाओं को पुनर्जीवन दिया। सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल की कवियत्री ऋतू गर्ग और मुज्जफरपुर बिहार की वरिष्ठतम कवियत्री व कव्य कला की विदुषी सुमन मेहरोत्रा ने तो इस आयोजन को अपने शब्दों से मृत्युन्जयी बना दी।संतकबीर नगर की कवियत्री व शिक्षिका अनुपम चतुर्वेदी तथा सरगुजा छतीसगढ की कवयित्री लता नायर ने अपनी उत्कृस्ट रचनाओं से माँ हिंदी की महिमा का गुणगान सभी श्रोताओं को बेहद पसंद आई। देवरिया उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कवि प्रेमनारायण तिवारी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भाषा व संस्कृति पर प्रकाश डाले तो देवरिया की नवोदित रचनाकार शिवांगी दुबे ने अपनी रचनाओं से सबका मन मोह लिया।फतेहपुर उत्तर प्रदेश की कवियत्री सीमा मिश्रा और चित्रकूट उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ कवयित्री वंदना यादव ने अपनी स्तरीय रचनाओं से सर्वाधिक यश व वाहवाही बटोरी !पीलीभीत की कवयित्री व शिक्षिका अनीता विश्वकर्मा और चित्रकूट की कवयित्री शहनाज बानो ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को आह और वाह करने पर विवश कर दी।
संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष नीरजा बसंती ने अपने समीक्षात्मक उद्बोधन में कार्यक्रम की समीक्षा प्रस्तुत करने के क्रम में काव्य कला से सम्बंधित महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी की सराहना सबने की।
संस्थान की राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट दिव्या सक्सेना ने सभी आगत रचनाकारो के प्रति आभार व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी।
बंगाल विभाजन : स्वदेशी चेतना की ज्वाला (1905)१६ अक्टूबर १९०५ को लॉर्ड कर्ज़न ने बंगाल…
जाने पंडित बृज नारायण मिश्र से आज का दिन विशेष:हिंदू पंचांग के अनुसार आज कार्तिक…
पंडित बृज नारायण मिश्र के द्वारा निर्मित विशेष पंचांग 16 अक्टूबर 2025, गुरुवार को हिन्दू…
बिहार (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार भाजपा कार्यकर्ताओं को…
पटाखों के संबंध में शासनादेश का कड़ाई से करे अनुपालन, डीजे पर रहेगी कड़ी नजर,…
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। स्थानीय प्रभा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खलीलाबाद में चल रहे…