इंदौर/मध्यप्रदेश(राष्ट्र की परम्परा)
दैहिक रुप में मौजूदगी ,
टिका रहता है मात्र कुछ ही सांसों पर
इतने विराट शरीर का अस्तित्व ।
एक स्वप्न सा प्रतीत होता है
मृत्यु के पश्चात, अस्तित्व ।
जीवन पर्यंत करता रहता है संघर्ष ,
अपने अस्तित्व को पुख्ता
करने के लिए मनुष्य ।
कितने जामें पहनता है
अस्तित्व के संघर्ष के लिए ।
परंतु अंत में , मृत्यु ही अटल सत्य है
यह सभी जानते हैं ।
लेकिन जीवटता ही प्रेरित करती है
अस्तित्व के संघर्ष के लिए ।
लेखिका-मनीषा सेंगर
तरकुलवा/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। जिले के मुंडेरा बाबू गांव में मंगलवार की रात एक पारिवारिक…
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश में 31 अक्टूबर को मौसम का मिज़ाज एक…
🌠 कुशीनगर के आसमान में गूंजा “जय विज्ञान” — भारत के युवा वैज्ञानिकों ने मॉडल…
मऊ ( राष्ट्र की परम्परा)l अपर जिला अधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रिय सिंह ने बताया…
मऊ ( राष्ट्र की परम्परा)l उद्यान विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्यक्रमों के…
सोशल मीडिया पर एक महिला यात्री का गुस्से से भरा वीडियो तेजी से वायरल हो…