इंदौर/मध्यप्रदेश(राष्ट्र की परम्परा)
दैहिक रुप में मौजूदगी ,
टिका रहता है मात्र कुछ ही सांसों पर
इतने विराट शरीर का अस्तित्व ।
एक स्वप्न सा प्रतीत होता है
मृत्यु के पश्चात, अस्तित्व ।
जीवन पर्यंत करता रहता है संघर्ष ,
अपने अस्तित्व को पुख्ता
करने के लिए मनुष्य ।
कितने जामें पहनता है
अस्तित्व के संघर्ष के लिए ।
परंतु अंत में , मृत्यु ही अटल सत्य है
यह सभी जानते हैं ।
लेकिन जीवटता ही प्रेरित करती है
अस्तित्व के संघर्ष के लिए ।
लेखिका-मनीषा सेंगर
उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति–2022 से कुशीनगर में पर्यटन निवेश को नई गति, उद्यमियों को मिल…
जनवरी से जून 2026 तक सम्पूर्ण समाधान दिवस का रोस्टर जारी, डीएम ने दिए सख्त…
🔢 अंक राशिफल 25 दिसंबर 2025: आज किस मूलांक वालों की बदलेगी किस्मत? धन, प्रेम,…
🎂 25 दिसंबर: इतिहास के गर्भ से जन्मे वे व्यक्तित्व जिन्होंने समय की दिशा बदल…
नवनीत मिश्र भारतीय संस्कृति में तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि आस्था, आयुर्वेद और पर्यावरण…
पुनीत मिश्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास केवल आंदोलनों और संघर्षों का विवरण नहीं है,…