निपुण लक्ष्य के लिए सतत आंकलन आवश्यक
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)l शिक्षण संदर्शिका शिक्षकों के मार्गदर्शन हेतु है। इसमें प्रत्येक पाठ का उद्देश्य एवं बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किए जाने वाले क्रिया-कलापों की चर्चा की गयी है। संदर्शिका से शिक्षण कार्य करने पर पाठ योजना बनाने की आवश्यकता नहीं होती।
यह बातें दुदही के एआरपी विनोद प्रसाद ने कही। वह शनिवार को दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत रकबा दुलमापट्टी स्थित कंपोजिट विद्यालय भगवानपुर में प्राथमिक कक्षाओं में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निपुण लक्ष्य एप से नियमित आंकलन करने, नियमित रूप से निपुण तालिका भरने व साप्ताहिक आंकलन कर कमजोर छात्रों को उपचारात्मक शिक्षण देने से छात्रों के अधिगम स्तर में अपेक्षित वृद्धि होती है। एआरपी ने रुचिपूर्ण व भयमुक्त वातावरण में स्कूल रेडिनेस, विद्या प्रवेश, बाल वाटिका की गतिविधियां, कक्षा शिक्षण के समय आवश्यकता अनुसार टीएलएम, गणित किट, प्रिन्ट रिच सामग्री का प्रयोग, आधारशिला, ध्यानाकर्षण व शिक्षण संग्रह का उपयोग करने, आदर्श शिक्षण योजना बनाने व शिक्षक डायरी भरने की जानकारी दी तथा जूनियर कक्षाओं में इंस्पायर अवार्ड के लिए छात्रों को प्रेरित कर उनका पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने को कहा। इस दौरान आठवीं कक्षा की छात्रा खुशबु निषाद का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। इस दौरान प्रधानाध्यापक विमलेश प्रताप सिंह, धनन्जय मिश्र, नन्हे प्रसाद, नीतू यादव, अनीता कुशवाहा, अनूप, रविकिशन, निर्मला, खुशी, सुमन, आदि छात्र मौजूद रहे।
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