Categories: लेख

समय होत बलवान

एक अकेला मैं आया हूँ
और अकेला ही जाऊँगा,
एक अकेला चलना सीखा
और अकेला बढ़ जाऊँगा।

आस्था विश्वास अडिग मेरी
इनमें समझौता नहीं करूँगा,
बाधायें आयें कितनी भी,
भूल सभी कुछ जाऊँगा।

नहीं डरूँगा नहीं हटूँगा चाहे
कितना भी धमकाया जाये,
धर्म करूँगा, क़र्म करूँगा,
नर होकर न निराश करूँगा।

भूल नहीं सकता हूँ उनको,
जो साथ हमारे खड़े रहे,
जिनका प्रेम स्नेह मिला,
उनसे कैसे घृणा करूँगा।

जिनका है विश्वास मिला
उनसे विश्वास निभाऊँगा,
उनको क्यों धोखा देना,
उन सबको राह दिखाऊँगा।

समय एक सा नही रहेगा,
परिस्थितियाँ भी बदलेंगी,
यही सोच अनमोल बड़ी,
यही अडिग ताक़त देगी ।

स्थितिवश आज ताकतवर,
समय बड़ा बलवान मगर,
आदित्य बदलती स्थिति है,
तब ताक़त आती नहीं नज़र।

  • कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
Karan Pandey

Recent Posts

जलन ने लिया खौफनाक रूप: पानीपत में मासूमों की हत्या का सनसनीखेज मामला

पानीपत सीरियल किलिंग केस: जलन बनी मासूमों की मौत की वजह, महिला गिरफ्तार पानीपत (राष्ट्र…

9 minutes ago

दिल्ली में हाई अलर्ट , ऐतिहासिक होने जा रही है भारत-रूस वार्ता

पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे से मजबूत होंगे रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक रिश्ते नई…

32 minutes ago

पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति भुगतान को लेकर आज राज्यपाल से मिलेगा आजसू छात्र संघ का प्रतिनिधिमण्डल

रांची (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) झारखंड में लंबित पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान की मांग तेज़…

46 minutes ago

राजनीतिक बयानबाज़ी के शोर में दबती आम जनता की ज़रूरतें — ज़मीन पर उतरे बिना अधूरा रह गया विकास

भारत में आज विकास सबसे ज़्यादा बोले जाने वाले शब्दों में से एक है, लेकिन…

2 hours ago

“तेज़ रफ्तार का कहर, धीमी होती ज़िंदगी – भारत में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का खामोश सच”

देश की सड़कें पहले से कहीं अधिक तेज़ हो चुकी हैं, लेकिन इसी रफ्तार ने…

2 hours ago

विनोद दुआ की विरासत: सवाल पूछती कलम का इतिहास

विनोद दुआ: स्वतंत्र पत्रकारिता की बुलंद आवाज, जिसने सत्ता से सवाल पूछने का साहस सिखाया…

2 hours ago