खानापूर्ती में सिमटा विशेष सचिव का दौरा,विकास की हकीकत से दूर रहा निरीक्षण

भगवानपुर को नजरांदाज,चकदह बना नो एंट्री, ग्रामीणों में नाराजगी की लहर

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। नौतनवां ब्लाक क्षेत्र में विशेष सचिव कृषि राम सहाय यादव का बहु-प्रतीक्षित दौरा ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेरता नजर आया। यह दौरा जहां ग्रामीण विकास की योजनाओं की समीक्षा का अवसर था, वहीं यह स्वागत-सत्कार और औपचारिकताओं की खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया। उक्त ग्राम पंचायत देवघट्टी,परसामलिक और बड़हरा गांव तक की सीमित यात्रा में सचिव ने योजनाओं की समीक्षा के बजाय औपचारिक उपस्थितियों और भोजन-विश्राम पर अधिक समय बिताया। बड़हरा गांव में विशेष डिनर की व्यवस्था की गई, लेकिन महज सौ मीटर दूर स्थित भगवानपुर गांव को नजरांदाज कर देना ग्रामीणों में चर्चा और नाराजगी का विषय बना हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चकदह गांव में स्थित गोसदन और अन्य योजनाओं में गड़बड़ियों की आशंका के चलते विशेष सचिव का दौरा अंतिम समय में रद्द करवा दिया गया। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जहां असली तस्वीर दिखनी थी, वहां जिम्मेदार अफसरों ने जाना ही मुनासिब नहीं समझा। दौरे के दौरान घंटों इंतजार करने के बाद भी मीडिया को विशेष सचिव से बात करने का अवसर नहीं मिला। प्रेस वार्ता के स्पष्ट इंकार ने अधिकारियों की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। वही ग्रामीणों का आरोप है कि चौपाल में बुलाए गए लोग पहले से तय थे और उन्हें सफलता की स्क्रिप्ट’ पढ़ने की हिदायत दी गई थी। इससे असली समस्याएं और सवाल मंच पर नहीं आ सके। घोषित एजेंडे में पंचायत, शिक्षा,स्वास्थ्य, बाल विकास और कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा होनी थी, लेकिन सचिव ने केवल कृषि,बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग तक ही दौरा सीमित रखा। पंचायत और शिक्षा विभाग की अनदेखी को लेकर ग्रामीणों में तीखी नाराजगी व्याप्त है। इस दौरान दौरे में जिला कृषि अधिकारी वीरेंद्र कुमार, बीडीओ अमित मिश्रा, बीईओ हेमंत मिश्रा, सीएम फेलो विजय मिश्रा एपीओ शशिकांत एडओ आईएसबी सोनू कुमार समेत कई अधिकारी, ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा बहुएं सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। फिर भी दौरा आम जन की अपेक्षाओं को छू नहीं सका। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब अफसर ही जमीनी सच्चाई से दूरी बना लें तो योजनाओं की पारदर्शिता और सफलता सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह जाती है।

Karan Pandey

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