गोंदिया Rkpnews- वैश्विक स्तरपर वर्ष 2022 को विदाई देने और बचे कुचे कोविड-19 और उनके सभी वेरिएंट्स को भी साथ में विसर्जित करने की तैयारी में बैठे मानवीय जीव को शायद अंदाज भी नहीं होगा कि, पिछले 2 वर्षों से तबाही का आलम झेल रहे और सुखचैन को छीनने वाले इस कोरोना महामारी का एक और भयानक विस्फोट वैरीअंट बीएफ-7 एक ऐसी तबाही मचाने के लिए तैयार बैठा है, क्योंकि जिस तरह चीन सहित अनेक देशों से रिपोर्ट्स आ रहे हैं वहां इस वेरिएंट ने फिर से तबाही मचाना शुरू किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लाशों के ढेर लगना शुरू हो गए हैं और अंतिम संस्कार के लिए भी लंबी वेटिंग का दौर चल पड़ा है। इस भयानक मंजर का संज्ञान लेते हुए माननीय केंद्रीय मंत्री ने एक हाई लेवल मीटिंग लेकर भारतीय तैयारियों की समीक्षा की और सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी मज़बूत करने का निर्देश दिया है। परंतु इस बीएफ – 7 वेरिएंट की भारत में भी दिनांक 21 दिसंबर 2022 को दस्तक हो गई है। मीडिया में आई जानकारी आई है कि कुछ इसके पेशेंट आईडेंटिफाइड किए गए हैं। उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का एक लेटर सामने आया है जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो आंदोलन के संबंध में दो बिंदुओं पर लिखा है कि तेज़ी से फैल रही कोरोना महामारी पर चिंता व्यक्त करते हुए यात्रा में उचित कोविड व्यवहार सख़्ती से लागू करने और यदि ऐसा संभव नहीं है तो यात्रा को जनहित में स्थगित करने की अपील की गई है। पत्र दिनांक 20 दिसंबर 2022 को लिखा गया है। चूंकि कोरोना महामारी ने फ़िर रफ्तार पकड़ी है इसलिए पीआईबी में आई जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से हम चर्चा करेंगे दुनिया के कई देशों में फ़िर तेजी से फैल रहे विस्फोटक कोविड-19 वेरिएंट बीएफ-7 की भारत में भी दस्तक – तैयारियां, उपाय शुरू।
साथियों बात अगर हम बीएफ-7 से निपटने के लिए भारतीय तैयारियों की करें तो, माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक हाई लेवल मीटिंग की है और इस बैठक में उनको वैश्विक कोविड-19 स्थिति और घरेलू परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने विश्व के चीन,जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका जैसे कुछ देशों में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न चुनौती को रेखांकित किया, विशेष रूप से त्यौहारों के आगामी सीजन को देखते हुए कोविड-19 के नए और उभरते रूप के खिलाफ तैयार और सतर्क रहने के महत्व पर जोर दिया और इस बात को रेखांकित किया कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को पूरी तरह से तैयार रहने और निगरानी को मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन करने और कोविड के टीके लगवाने का अनुरोध किया। उन्होंने देश में सक्रिय नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का समय पर पता लगाने को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट्स की निगरानी करने के लिए संक्रमित मामलों के नमूने के पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग (अनुक्रमण) के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने का निर्देश दिया। इससे उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी कोविड-19 संक्रमित मामलों के नमूने को सिक्वेंसिंग के लिए दैनिक आधार पर आईएनएसएसीओजी जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशाला (आईजीएसएल) को भेजें, जिससे नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का पता लगाया जा सके। साथियों बात अगर हम कोरोना वेरिएंट बीएफ-7 की करें तो, विशेषज्ञों के अनुसार यह जो ओमीक्रोन है, इतना भी माइल्ड नहीं है जितना लोग सोच रहे हैं। अब जो सब-वैरिएंट्स हैं वो इम्यून सिस्टम से बचने में ज्यादा सक्षम हैं। चीन इसी वजह से ज्यादा दिक्कत में है क्योंकि उनकी ज्यादातर आबादी फुली वैक्सीनेटेड नहीं है और उनकी वैक्सीन भी इतनी असरदार नहीं है। हमें बिल्कुल चौकन्ना होना है। चीन, जापान, अमेरिका और अन्य देशों में कोविड फैल रहा है और हमारी कनेक्टिविटी पूरी दुनिया के साथ है। हम सबको सतर्क होना चाहिए।
साथियों कोविड-19 ने चीन में दहशत फैला रखी है। जापान, साउथ कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में भी कोरोना केस बढ़ रहे हैं। इनके मुकाबले भारत कहीं बेहतर स्थिति में है। विदेशों से सीख लेते हुए भारत सरकार ने ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बदलते मौसम में सर्दी खांसी की परेशानी बढ़ गई है। बच्चों में खांसी जल्द ठीक नहीं हो रही। क्या यह भी कोविड से जुड़ा है? इसपर विशेषज्ञ ने कहा कि भारत में प्रदूषण काफी ज्यादा है। उसी वजह से सबको कुछ न कुछ खांसी-जुकाम रह रहा है। चीन में अभी ओमीक्रोन का ही सब वैरिएंट बीएफ-7 ज्यादा फैल रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह वैरिएंट बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन मरीज को बहुत बीमार नहीं करता। यही वजह है कि चीन में कोविड मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। जब मरीजों की संख्या ज्यादा होगी तो एडमिशन रेट बढ़ना लाजिमी है।
साथियों चीन में कोरोना की डराती रफ्तार से अमेरिका भारत अब तक तीन कोविड-19 वेव्स से जूझ चुका है। पिछले साल डेल्टा वैरिएंट से हालात बिगड़ने की आशंका थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 20 दिसंबर को भारत में एक्टिव केस 3,559 से कम थे। भारत में भी इन वैरिएंट की जांच जारी है और भारत के एसएआरसी कोव 2 जीनोमिक सर्विलांस प्रोग्राम या आईएनएसएसीओजी के डेटा से पता चलता है कि बीएफ-7 भी महीनों से यहां मौजूद है।यही वजह है कि विशेषज्ञ भारत में इन हालात को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं। भारत के बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की वजह से लोगों को मिली अतिरिक्त इम्युनिटी कोरोना के प्रभाव की आशंका को कम करती है। इसे हम इस तरह से समझ सकते हैं कि हमने पहले ही कीमत चुका दी है। अब जरूरत है हमें सावधानी बरतने और कोड उपयुक्त व्यवहार को सख़्ती से पालन कर, सहभागिता कर अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि कोविड संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। दुनिया के कई देशों में फिर तेजी से फैल रहे विस्फोटक कोविड-19 वेरिएंट बीएफ-7 की भारत में भी दस्तक हुई है। हाई लेवल मीटिंग का दौर फ़िर शुरू है। जी-20 की अध्यक्षता के कारण भारत की कनेक्टिविटी पूरी दुनिया के साथ है। तेजी से फैल रहे बीएफ-7 से चौकन्ना और सतर्क रहने की प्राथमिकता को रेखांकित करना ज़रूरी हैं और सभी नागरिकों को कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने में सहभागिता रूपी कर्तव्य निभाना होगा।
–संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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