पिता तो साक्षात वट वृक्ष होते हैं,
अंदर से नर्म प्रत्यक्ष सख़्त होते हैं,
अब जब नहीं हैं वह इस संसार में,
बस स्मृतियाँ आती हैं मेरे ज़ेहन में।

ज़िंदगी का जोड़ घटाना गुणा भाग
पहले का ठीक नहीं कर सकते हैं,
परंतु अब आज सही राह पर चल
कर जीवन में सुधार ला सकते हैं। ‎

समस्याओं का बोझ कपास से
भरे एक गट्ठर की तरह होता है,
जो देखने में बहुत बड़ा लगता है,
हल करने में समाधान हो जाता है।

इस दुनिया का दस्तूर देखिये,
कितने अच्छे काम कर लीजिये,
लोग वह सब कुछ भूल जाते हैं,
अपनी ज़रूरत पर याद करते हैं।

मददगार, वफादार व साफ़दिल,
आदित्य तीनों सदा परेशान रहते हैं,
यह सदा सत्य का सहारा लेते हैं,
किसी से कभी धोखा नहीं करते हैं।

इंसान की वाणी और उसका धन
दोनों में यदि अहंकार का भाव हो,
इंसान – इंसान से दूर हो जाता है,
इंसान में इन तत्वों में अतिरेक हो।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’

rkpnews@desk

Recent Posts

कृषक विद्यालय के संस्थापक को नपा अध्यक्ष ने दी श्रद्धांजलि

बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)बरहज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अजयपुरा कृषक विद्यालय के संस्थापक को बरहज नगर…

8 hours ago

पारधी समाज के नेता संतोष एकनाथ पवार,

स्टार महाराष्ट्र राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित हुए मुंबई (राष्ट्र की परम्परा )पारधी समाज के…

8 hours ago

निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण-2026: बिना अनुमति अवकाश पर नहीं जाएंगे अधिकारी

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 01 जनवरी 2026…

8 hours ago

इंटर कॉलेज के पास होलसेल दुकान पर दबंगों का कहर, व्यापारी से मारपीट कर नकदी ले भागे

सलेमपुर, देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। थाना क्षेत्र सलेमपुर के देवारा पूर्व शामपुर निवासी मोहम्मद दानिश शोवेव…

8 hours ago

ग्राम चौपाल में ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण, योजनाओं की दी गई जानकारी

बलिया(राष्ट्र की परम्परा) उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत बघऊच में आज ग्राम चौपाल…

8 hours ago