मानवता की नब्ज़ पर समाज की जिम्मेदारी — कहां जाएगी संवेदना?

कैलाश सिंह

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। समाज की रगों में बहती संवेदनाओं की गर्माहट आज ठंडी पड़ती जा रही है। मदद की पुकार पर उठने वाले हाथ कम हो रहे हैं और तमाशबीनों की भीड़ बढ़ रही है। हालात ऐसे कि इंसानियत अब सवालों के कटघरे में खड़ी है और समाज अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ता दिख रहा है।
बीते कुछ दिनों से जिले में घटित घटनाओं ने समाज की सामूहिक चेतना पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। सड़क किनारे घायल पड़े बुज़ुर्ग को उठाने की बजाय लोग वीडियो बनाने में व्यस्त रहे। एक परिवार की आर्थिक तंगी ने उसे दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर किया, लेकिन पड़ोसियों के दरवाजे बंद ही रहे। ऐसे उदाहरण अब अपवाद नहीं रहे, बल्कि एक खौफनाक चलन बनते जा रहे हैं।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं कि समय के साथ समाज में संवेदनाओं का क्षरण तेज हुआ है। डिजिटल युग में लोग एक-दूसरे के दुःख तकलीफ से दूर होते गए हैं।पोस्ट,लाइक और शेयर की दुनिया में वास्तविक मदद करने वाले हाथ कम पड़ रहे हैं। परिणामस्वरूप, जरूरतमंद लोग सरकारी तंत्र और सामाजिक संगठनों के भरोसे छोड़ दिए जाते हैं, जबकि समाज की पहली जिम्मेदारी ही संकट में फंसे इंसान के साथ खड़ा होना है।
पंडित हर्षवर्धन मिश्रा, सामाजिक चिंतक, कहते हैं— मानवता की धड़कन कमजोर तब पड़ती है, जब समाज अपनी ज़िम्मेदारियां भूलकर सिर्फ दर्शक बन जाता है। जरूरत है संवेदनाओं को पुनर्जीवित करने की।
उन्होंने कहा कि आज परिवार, स्कूल, समाज—तीनों स्तरों पर मानवीय मूल्यों को मजबूत करने की जरूरत है, वरना कल की पीढ़ियां दया और करुणा को सिर्फ किताबों में पढ़ेंगी।
जिले के कई गांवों में सामाजिक संगठनों ने संवेदना जागरूकता अभियान शुरू किया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक हर नागरिक अपनी भूमिका नहीं समझेगा, तब तक ये पहलें अधूरी ही रहेंगी। समाज तब मजबूत कहलाता है जब वह संकट में टूटे हुए को संभाले, अकेले पड़े को सहारा दे और पीड़ा में घिरे व्यक्ति के कंधे पर हाथ रखे।
मानवता की नब्ज़ कमजोर पड़ रही है—और इसका इलाज सिर्फ एक है: संवेदना।
अगर समाज आज जागा नहीं, तो आने वाली पीढ़ियां पूछेंगी—
कहाँ गई वो इंसानियत, जो कभी हमारी पहचान हुआ करती थी?

rkpnews@desk

Recent Posts

स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में पुलिस का सराहनीय कदम

देवरिया पुलिस लाइन में स्वास्थ्य जांच व रक्तदान शिविर का भव्य आयोजन, सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने…

1 hour ago

हार्ट अटैक से तैनात कानूनगो रमेश यादव का निधन

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद की खलीलाबाद तहसील में कार्यरत कानूनगो रमेश कुमार…

2 hours ago

सशस्त्र सीमा बल ने 62वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया, जवानों के शौर्य और समर्पण को किया नमन

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 59वीं वाहिनी, मुख्यालय अगैईया में 62वां…

3 hours ago

भारत–नेपाल क्रॉस बॉर्डर टूरिज्म कॉनक्लेव 2025 का भव्य आयोजन, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। भारत–नेपाल के बीच पर्यटन सहयोग को नई ऊंचाई देने के उद्देश्य…

3 hours ago

त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचक नामावली के वृहद पुनरीक्षण-2025 का कार्यक्रम जारी

23 दिसंबर को पंचायत निर्वाचक नामावली की अनन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन संत कबीर नगर…

4 hours ago

डीडीयू के शोधार्थी विष्णु मिश्रा को आईसीएसआर फुल-टर्म डॉक्टोरल फेलोशिप

अंग्रेज़ी विभाग के आचार्य प्रो. अजय कुमार शुक्ला के निर्देशन में रामचरितमानस पर कर रहे…

4 hours ago