सियाचीन ग्लेशियर का मौसम,
ठंडी हवा के थपेड़ों से जूझते हम,
सूर्य के दर्शन, धूप निकल आयी,
और फिर काली घटा घिर आयी।
एक तो ठंडी हवा, बर्फ की बारिस,
हवा में आक्सीजन की कमी और,
दूसरे हर एक की फूलती हुई साँसे,
शंका यह कहीं गोलियाँ न बरसें।
गिरती बर्फ से सूर्यदेव हुये नाखुश,
निज तेज दिखाने को हुये बरबस,
लेकिन मौसम अंगड़ाई ले चुका था,
सूर्य से इंद्र की लड़ाई का ये फल था।
वे देवता हैं आसमानी लड़ाई में व्यस्त,
देश के प्रहरियों का जीवन अस्तव्यस्त,
फ्रॉस्टबाईट स्नोबाईट से सभी पीड़ित,
दुश्मन देशों की दुश्मनी से ग्रसित।
यह होती है हम सैनिकों की जीवनी,
कभी धूप कभी बर्फ, पानी की कमी,
आदित्य कारगिल, लेह और द्रास,
सियाचीन ग्लेशियर का है निवास।
डा. कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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