सिकंदरपुर/बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
तहसील क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का असर गुरुवार सुबह से ही क्षेत्र में दिखने लगा। रुक-रुक कर हो रही तेज वर्षा से खेतों में खड़ी पकी हुई धान की फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गई हैं। कई किसानों के खेतों में धान की बालियां गिरकर सड़ने लगी हैं, जिससे उपज पर गंभीर असर पड़ने की संभावना है। सिकंदरपुर निवासी किसान अरविंद कुमार राय और चेतन किशोर ने बताया कि उनकी मेहनत की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। अरविंद कुमार ने कहा, “किसान हमेशा से संघर्षशील और सहनशील रहा है। हमने पहले भी सूखा, ओलावृष्टि और बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना किया है, लेकिन इस बार की बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। फिर भी हम हिम्मत नहीं हारेंगे और दोबारा खेतों में उतरेंगे लगातार बारिश से खेतों में पानी भर गया है, जिससे कटाई का काम रुक गया है। कई जगहों पर कटाई की गई फसलें भीगकर सड़ने लगी हैं। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसान अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके। हालांकि निराशा के बीच भी किसानों का जज्बा कायम है। उनका कहना है कि वे देश के अन्नदाता हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे। चाहे मौसम कितना भी प्रतिकूल क्यों न हो, वे हर बार नई उम्मीद और हौसले के साथ अपनी जमीन से जुड़कर देश के लोगों का पेट भरने का संकल्प निभाते रहेंगे।
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