लापरवाही बरतने वालों में माध्यमिक से लेकर कॉन्वेंट विद्यालय शामिल
बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
तमाम प्रयास के बावजूद जिले के 507 विद्यालयों में अब तक अपार आईडी बननी शुरू नहीं हुई है जबकि 30 नवंबर तक यह प्रक्रिया पूरा करने का निर्देश था इनमें 77 मदरसे भी हैं जहां अपार आईडी बनाने का कार्य शून्य है सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई करने वाले कक्षा एक से 12 तक के छात्र छात्राओं की शैक्षिक प्रगति व उपलब्धि को ट्रैक करने के लिए यू डॉयस प्लस पोर्टल पर अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी सृजित की जानी है यह प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरी करनी है लेकिन बेसिक शिक्षा को छोड़कर अन्य विभागों की लापरवाही की वजह से यह प्रक्रिया काफी धीमी है ब्लाक
नगरा और सीयर के 35 प्रतिशत विद्यालय शामिल: अपार आईडी
बनाने की प्रक्रिया में शून्य प्रगति वाले कुल 507 विद्यालयों में से 179 विद्यालय शिक्षा क्षेत्र नगरा और सीयर के हैं। इसमें सबसे अधिक नगरा के 95 विद्यालय और सीयर के 84 विद्यालय हैं सबसे कम मुरली छपरा के 3 और बेलहरी के 4 स्कूल हैं। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र नवानगर के 45 पंदह और रसड़ा के 35-35, हनुमानगंज के 33, मनियर के 32 और चिलकहर के 29 मान्यता प्राप्त विद्यालयों ने एक भी विद्यार्थी का अपार आईडी नहीं बनाया है। वहीं, रेवती के 20, सोहांव के 18, दुबहड़ और गड़वार के 1414, बेरुआरबारी के 13, बांसडीह के 12, बलिया नगर क्षेत्र के 11 और बैरिया के 10 विद्यालय इस सूची में शामिल हैं। इनमें बेसिक और माध्यमिक शिक्षा से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के अलावा माइनारिटी और कॉन्वेंट स्कूल भी हैं।
अधर में 77 मदरसों के बच्चों का
भविष्य वन नेशन, वन आईडी अभियान को रफ्तार को धीमा करने में मदरसे भी पीछे नहीं है। 184 मान्यता प्राप्त मदरसों में से 77 मदरसों में एक भी विद्यार्थी की अपार आईडी नहीं बनाई गई है। इनमें सबसे अधिक हनुमानगंज के 13 और सबसे कम बांसडीह और बैरिया के एक-एक मदरसे हैं। इसके अलावा नवानगर और सीयर के 12-12, मनियर के 11, चिलकहर के 5, दुबहड़, गड़वार और नगरा के चार चार मदरसे हैं। वहीं, बलिया नगर, बेरुआरबारी, पंदह, रसड़ा और रेवती के दो-दो मदरसों की पहचान की गई है।
मान्यता प्राप्त एवं वित्तविहीन विद्यालयों की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। इसको लेकर डीआईओएस को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सरकारी विद्यालयों में स्थिति अपेक्षाकृत सही है( ओजस्वी राज, सीडीओ)
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