June 18, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

धर्मस्थलों के समीप चलतीं है मांसाहारी दुकानें-अर्जुन पण्डित

मंदिर के सामने बेचा जा रहा है मीट से बने व्यंजन

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) धर्म आस्था का विषय है, इसलिए कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए धार्मिक स्थलों के 200 मीटर के दायरे में मांसाहारी दुकान चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बावजूद इस आदेश का जिला मुख्यालय बहराइच में पूर्ण रुप से अभी तक पालन नहीं हो पाया है। कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्‍जियां उड़ाते हुए लोग मंदिर के सामने ही चिकन मीट बिरयानी की दुकान चला रहे हैं। वहीं, चौकाने वाली बात ये है कि इसके लिए अभी तक न तो कोई अभियान चलाया गया और न ही इसमें किसी प्रकार की कोई रोक लगाई गई। रोडवेज बस स्टैंड समीप स्थित भोलेनाथ का मंदिर है। मंदिर के सामने ही मांसाहारी चिकन बिरयानी की दुकान खुली है। इससे श्रद्धालुओं को खासी परेशानी होती है। लोगों ने कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी की हैl लेकिन अभी त‍क कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। शिवसेना जिला प्रमुख अर्जुन पण्डित ने इस सम्बंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित जिला प्रशासन को एक शिकायत पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि मंदिर में हमारे अराध्य देवताओं के सामने मांसाहारी की दुकाने होना धार्मिक कार्यों में बाधा डालने के समान है। लेकिन जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बिना किसी मानक व जाँच के फूड्स सेफ्टी का लाइसेंस जारी कर रखा है। वहीं स्थानीय पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा कि शहर व देहात कोतवाली की पुलिस भी पैसे लेकर इन दुकानों को संचालित करवा रही है। बताते चलें कि हॉस्पिटल चौराहा व रोड़वेज स्टैंड के समीप भोलेनाथ मंदिर के सामने, तिकोनी बाग तिराहे के पास के.जी.एन. व बॉम्बे बिरयानी की दुकानों पर खुलेआम बकरा व मुर्गा से बने व्यंजन बेचे जाते हैं। आदेश के बाद भी उसे न तो हटाया गया न ही हटाने का प्रयास हो रहा है। जबकि हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में निर्देश दिए हैं कि यदि धार्मिक स्थलों के 200 मीटर के आसपास सड़कों के किनारे मांसाहारी दुकानें संचालित होती है तो उन दुकानों को चिंहित कर तत्काल हटवाया जाए। उन्होंने कहा यदि शीघ्र इन अवैध संचालित मांसाहारी दुकानों को प्रशासन बन्द नही कराता है तो शिवसैनिक इन अवैध संचालित मांसाहारी दुकानों को बन्द कराने के लिये सड़कों पर उतरेगी जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।