बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। ठंडक के मौसम में लापरवाही न बरतें नही तो यह बच्चों बुजुर्गों सहित युवाओं की सेहत के लिये खतरनाक साबित हो सकती है। यह बातें सीएचसी अधीक्षक डा0 धीरेन्द्र तिवारी ने पछुआ हवा के साथ पड़ रही कड़ाके की ठंड को देखते हुये सीएचसी आये मरीजों से कही।उन्होंने बताया कि ठंडक के मौसम में वायरल फीवर,हार्ट अटैक,पैरालाइसिस और ब्रेन हैमरेज का खतरा बढ़ जाता है।ऐसे में जरा सी लापरवाही लापरवाही आपके तथा आपके परिवार की सेहत बिगाड़ सकती है। इस हालत में बच्चे,बुजुर्ग, नौजवान सभी को खतरा हो सकता है।ऐसे में थोड़ा सा एहतियात बरत कर इससे बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जनवरी माह के पहले सप्ताह से पछुआ हवा का दौर शुरू हो गया है।जिसकी वजह से गलन के साथ ठंड का असर भी बढ़ गया है।सीएचसी पर ठंड के प्रकोप से जूझने वाले मरीजों की आमद शुरू है।श्री तिवारी के अनुसार बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने की विशेष जरूरत है।बच्चों का शरीर पूरी तरह से ढक कर रखे तथा ठंडे हाथ से उन्हें न छुयें क्योंकि ठंड लगने से बच्चे डायरिया के शिकार हो सकते है।ऐसे मौसम में फीवर,हार्ट अटैक के साथ पैरालाइसिस व सांस फूलने जैसी संभावना बढ़ जाती है।ह्रदय व ब्लड प्रेशर रोगियों के लिये ठंड का मौसम बेहद संवेदनशील होता है।बुजुर्ग हृदय की बीमारी वाले मरीज सामान्य तापमान बनायें रखे तथा अचानक विस्तर से बाहर न निकलें इस बात का उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिये।धूप होने पर गर्म कपड़ों को पूरी तरह से नही निकालना चाहियें क्योंकि इससे ठंड लगने की आशंका बढ़ जाती है।उन्होंने सभी से बच्चों बुजुर्गों सहित मरीजों पर विशेष ध्यान दिये जाने की बात कही।
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