सैयां ब्लॉक के बीईओ निलंबित, 1,830 किताबें भी नहीं बंटी थीं समय पर

(लखनऊ से अभिषेक की रिपोर्ट )
लखनऊ। (राष्ट्र की परम्परा)प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को लेकर सरकार एक ओर जहां मर्जर की नीति अपना रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा को लेकर गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण आगरा जिले के सैयां ब्लॉक में सामने आया है, जहां दो वर्षों से विद्यालयों में गणित और विज्ञान की प्रयोगात्मक किट ही नहीं पहुंच सकी हैं। इतना ही नहीं, इस शैक्षणिक सत्र की किताबें भी समय पर छात्रों को नहीं बांटी गईं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2023 में ही शिक्षा विभाग ने बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) स्तर पर किटें भेज दी थीं, लेकिन इसके बावजूद विद्यालयों में उनका वितरण नहीं हो सका। जूनियर हाईस्कूल के लिए 44 और प्राइमरी स्कूलों के लिए 90 किटें निर्धारित थीं, जिन्हें तत्कालीन सत्र में वितरित कराना था।
इस लापरवाही की शिकायत मिलने पर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी बेसिक) ने निरीक्षण किया। जांच में पुष्टि हुई कि इस सत्र में करीब 1,830 पुस्तकें भी समय पर वितरित नहीं की गई थीं। मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर शिक्षा निदेशक कामता राम पाल ने सैयां ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) दीपक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
शिक्षा के गिरते स्तर की चिंता
शिक्षा विभाग के अंदर ऐसी लापरवाही उस वक्त और भी चिंता का विषय बन जाती है जब राज्य सरकार छात्र संख्या बढ़ाने और ड्रॉपआउट रोकने के लिए करोड़ों की योजनाएं चला रही है। मगर किताबें और किट समय से न मिलना बच्चों की पढ़ाई को बुरी तरह प्रभावित करता है।
शिक्षा के जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों में केवल निलंबन काफी नहीं, बल्कि जिम्मेदारों की जवाबदेही तय कर, ठोस कार्रवाई ज़रूरी है ताकि भविष्य में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।
