बरेली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने महाभारत सर्किट के अंतर्गत ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल अहिच्छत्र के समेकित पर्यटन विकास के लिए बड़ी पहल की है। विभाग ने करीब दो करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
अहिच्छत्र का ऐतिहासिक महत्व
अहिच्छत्र महाभारत काल का प्रमुख नगर माना जाता है। यहां पांडवों और कौरवों के समय से जुड़े कई किस्से प्रचलित हैं। यह स्थल जैन धर्मावलंबियों के लिए भी पवित्र तीर्थ है। जैन परंपरा के अनुसार, यहाँ कई तीर्थंकरों ने तपस्या की थी।
पर्यटन विकास की योजनाएं
पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत योजनाओं में मुख्य रूप से—
स्थल पर बुनियादी ढांचे का विकास
पर्यटकों के लिए आवागमन और सुविधाओं का विस्तार
धार्मिक और पौराणिक महत्व को उजागर करने हेतु सूचनात्मक बोर्ड और गाइड व्यवस्था
आसपास के क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण और प्रकाश व्यवस्था शामिल है।
सांस्कृतिक धरोहर को मिलेगा बढ़ावा
अधिकारियों का मानना है कि इन योजनाओं से न केवल स्थानीय और राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि बरेली जिले के इस प्राचीन स्थल की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को भी नया आयाम मिलेगा।
पर्यटन विभाग का यह प्रयास ‘महाभारत सर्किट’ के अन्य स्थलों को जोड़कर एक धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन मार्ग विकसित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
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