
याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- ‘मजबूती से रखेंगे अपना पक्ष’
प्रयागराज (राष्ट्र की परम्परा)।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले को लेकर 18 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में बेहद अहम सुनवाई होने जा रही है। दोपहर 2 बजे के बाद होने वाली इस सुनवाई में एक साथ 18 याचिकाओं पर विचार किया जाएगा। यह मामला लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया में है और अब एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है।
इन याचिकाओं में प्रमुख मुद्दा यह है कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर कथित रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाया जाए और जन्मभूमि क्षेत्र को पूरी तरह मंदिर क्षेत्र घोषित किया जाए। इसके अलावा कुछ याचिकाएं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से खुदाई और सर्वे की मांग भी कर रही हैं, ताकि ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाया जा सके।
याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वे कोर्ट में अपना पक्ष तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर मजबूती से रखेंगे। उन्होंने दावा किया कि यह विवाद सिर्फ धार्मिक भावना का नहीं, बल्कि ऐतिहासिक न्याय का विषय है।
क्या हैं याचिकाओं की प्रमुख मांगें: श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि को मंदिर परिसर घोषित किया जाए ,शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की कानूनी अनुमति दी जाए ,भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से क्षेत्र का सर्वे कराया जाए ,जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश जारी हों
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अदालत ने सभी पक्षों से विधिक रूप से ठोस तर्क और साक्ष्य पेश करने को कहा है। हाई कोर्ट की यह सुनवाई न सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।यह विवाद मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान और उससे सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को लेकर है, जिसमें दावा किया गया है कि मुगल काल में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। इस पर पहले भी कई बार कानूनी प्रक्रिया चली है, लेकिन अब मामले में नए तथ्यों और याचिकाओं के साथ सुनवाई निर्णायक दिशा में बढ़ रही है।
हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई को देखते हुए कोर्ट परिसर और आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
More Stories
पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़, पस्त हुए बदमाशों के हौसले
मासूम मुस्कानें बुझीं: मुजफ्फरपुर में डूबकर पांच बच्चों की दर्दनाक मौत
डीडीयू की कुलपति प्रो. पूनम टंडन को मिला ऋषिका गार्गी सम्मान