विश्व पर्यावरण दिवस पर मऊ के प्लाजा में आयोजित हुई गोष्ठी
मऊ(राष्ट्र की परम्परा)
यूं तो प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस आता है और चला जाता है, इस दौरान हजारों कार्यक्रम और लाखों पौधे लगाए जाते हैं। इस अवसर पर प्रत्येक वर्ष हजारों गोष्ठियां होती हैं, और पर्यावरण को संरक्षित करने का करोड़ों लोग संकल्प लेते हैं। बावजूद इसके आज भी पर्यावरण प्रदूषण की गंभीर स्थिति से हम सभी जूझ रहे हैं और वास्तविक रूप से जितने पौधों को प्रत्येक वर्ष काटा जाता है उसके आधा भी हम पौधरोपण कर उनको संरक्षित करते हुए बड़ा नहीं कर पा रहे हैं। यदि हम सभी अपनी नींद से नहीं जागे और खाली पड़ी जमीनों पर पौधरोपण कर उन पौधों को बड़ा नहीं कर पाए तो आने वाले समय में सांस लेने के लिए ऑक्सीजन भी कम पड़ जाएगी।
आज भी समाज में ऐसे लोग हैं जिन्होंने केवल कथनी ही नहीं बल्कि अपनी करनी से पर्यावरण को संरक्षित करने की मुहिम छेड़ रखी है। वह लोग केवल अपने हिस्से के आक्सीजन की व्यवस्था नहीं करते बल्कि पौधरोपण के माध्यम से आम जनमानस के लिए भी हमेशा चिंतित रहते हैं। ऐसे ही एक जोश और जुनून से लवरेज युवा शिक्षक शैलेंद्र ने लगभग 2 वर्ष पूर्व एक संकल्प लिया कि आम जनमानस के लिए दिन प्रतिदिन कम हो रहे ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए वह आजीवन प्रतिदिन एक पौधा लगाएंगे और इस मुहिम को मजबूती प्रदान करने के लिए आम जनमानस को भी जागरूक करेंगे।
प्रतिदिन एक पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण अभियान के 1000 दिन पूरा होने पर, एक शाम पर्यावरण के नाम कार्यक्रम गृहस्थ प्लाजा मऊ में पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कर शिक्षक शैलेंद्र ने पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अपने जैसे पर्यावरण के दीवाने व्यक्तियों को चिन्हित कर उनका सम्मान व तमसा नदी के स्वच्छता हेतु हस्ताक्षर अभियान चलाया। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्य उत्कृष्ट पुरस्कार प्राप्त शिक्षक अनिल कुमार वर्मा, रामविलास भारती, योग शिक्षिका मंजू चौरसिया, लोक सेवा न्यास के आनन्द प्रताप सिंह, शिक्षक विश्वजीत राय, गीता पाण्डेय, गाजीपुर के नकुल और अरबाज खान को मुख्य अतिथि, डॉ एल सी वर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र पिलखी के द्वारा अंगवस्त्रम एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एक गोष्ठी भी हुई जिसमें मुख्य अतिथि डॉ एल सी वर्मा वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व डीआईओएस शिवचन्द्र राम, वरिष्ठ साहित्यकार जयप्रकाश धूमकेतु, जिला महामंत्री भाजपा रामाश्रय मौर्य, डायट प्रवक्ता अरविन्द यादव, सचिव रोटरी क्लब प्रदीप सिंह, नपा चेयरमैन अरशद जमाल रहे।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ एलसी वर्मा वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र पिलखी ने कहा कि खेतों में रासायनिक का प्रयोग पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा इसलिए जैविक खेती के तरफ हम लोगों को ध्यान देना चाहिए जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षक शैलेंद्र एवं आज सम्मानित हो रहे पर्यावरण प्रेमियों से सीख लेनी चाहिए और अधिक से अधिक पौधरोपण का कार्य करना चाहिए।जिला उद्यान अधिकारी कुशवाहा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो हमें दिया है उसका उपयोग हम कर रहे हैं लेकिन आज पर्यावरण प्रदूषण की जो स्थिति है, यदि हम लोग नहीं चाहते और जागरूक होकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पौधरोपण का कार्य नहीं किए तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत ही बद्तर स्थिति देकर जाएंगे। उन्होंने जल संरक्षण पर भी जोर दिया।आज के समय में हम सब केवल समस्याओं को देखते हैं और उन पर दुख प्रकट करते हैं, वही शैलेंद्र प्रताप यादव ने उन समस्याओं से लड़ते हुए उसके निदान का मार्ग प्रशस्त किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि शिवचन्द राम पूर्व डीआईओएस ने कहा कि हमें अपनी सोच को बदलना होगा और ग्लोबल वार्मिंग से निपटना होगा।
कार्यक्रम आयोजक शैलेंद्र ने आए हुए सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि मिशन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को जागरूक करना है। कार्यक्रम में मशहूर शायर सलमान घोसवी ने एक गीत सुनाकर सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर वीरेंद्र यादव, प्रदीप सिंह, संतोष यादव आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। संचालन शिक्षक शैलेंद्र ने किया।
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