ई-पत्रिका प्रज्ञानिका का भव्य विमोचन भुवनेश्वर और गुवाहाटी में

शिक्षकों के नवाचारों शोध और विचारों को राष्ट्रीय पहचान देने का मंच है ‘प्रज्ञानिका,

पटना (राष्ट्र की परम्परा)। टीचर्स ऑफ बिहार द्वारा प्रकाशित ई-पत्रिका ‘प्रज्ञानिका’ का विमोचन 26 फरवरी 2025 को एक भव्य कार्यक्रम में भुवनेश्वर और गुवाहाटी दोनों स्थानों पर किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर बिहार के शिक्षकों द्वारा प्रकाशित इस पत्रिका का विमोचन पहले क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान, भुवनेश्वर में हुआ उसके बाद सीसीआरटी, गुवाहाटी में भी इस पत्रिका का विमोचन किया गया। इन दोनों कार्यक्रमों ने पूरे शैक्षिक समुदाय में एक नई ऊर्जा का संचार किया और यह बिहार तथा अन्य राज्यों के शिक्षकों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन गया। भुवनेश्वर में आयोजित कार्यक्रम भुवनेश्वर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान, भुवनेश्वर के प्राचार्य पी.सी.अग्रवाल सर ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर डॉ. अरुप कुमार साहा, प्रोफेसर एल. बेहरा सर, और डॉ. रत्ना घोष ने ‘प्रज्ञानिका’ पत्रिका के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। डॉ. अरुप कुमार साहा ने कहा कि “प्रज्ञानिका, बिहार के शिक्षकों का गौरव है। यह पत्रिका न केवल बिहार के शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करती है बल्कि भारतीय शिक्षा जगत में एक नई दिशा और पहचान स्थापित करेगी।” पत्रिका की प्रधान संपादिका निधि चौधरी ने भी कार्यक्रम में पत्रिका के विषय-वस्तु और दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा प्रकाशित ‘प्रज्ञानिका’ बिहार के शिक्षकों की उपलब्धियों और उनकी यात्रा को साझा करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह पत्रिका न सिर्फ शैक्षिक संदर्भों को लेकर मार्गदर्शन प्रदान करेगी बल्कि शिक्षक समुदाय के आपसी विचार-विमर्श और सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी जो बिल्कुल निःशुल्क है।गुवाहाटी में आयोजित कार्यक्रम गुवाहाटी में सीसीआरटी के एक भव्य कार्यक्रम में 14 राज्यों के प्रतिभागियों की उपस्थिति में संस्थान के परामर्शक निरंजन भुयान द्वारा “प्रज्ञानिका” पत्रिका का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में निरंजन भुयान ने प्रज्ञानिका पत्रिका की महत्ता पर प्रकाश डाला और इसे शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा देने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में काम करेगी बल्कि यह विभिन्न राज्यों के बीच विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम बनेगी।
इस अवसर पर सीसीआरटी के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण और शिक्षा क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्व भी उपस्थित थे जिन्होंने इस पहल की सराहना की और इसके भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम में उपस्थित 14 राज्यों के प्रतिभागियों ने भी प्रज्ञानिका पत्रिका के उद्देश्यों और इसके लाभों पर विचार किए और इसे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भुवनेश्वर के प्राचार्य ने प्रज्ञानिका के प्रयासों की सराहना की और सम्पादक निधि चौधरी और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मंच बहुत ज्यादा खर्चीला भी नहीं है और एक क्लिक में सभी के पास उपलब्ध हो जाएगा। यह न केवल लर्निंग का बल्कि प्रमोशन के लिए भी अच्छा अवसर है। इस प्रकार के प्रयासों से बहुत से लोगों को जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने प्रज्ञानिका के नाम की भी सराहना की, जिसे अद्भुत बताया और कहा कि यह नाम अपने आप में ज्ञान का प्रतीक है। यह सबको ज्ञानवान बनाएगा और ऊर्जावान बनाएगा। इसके संचरण से आगे के दिशा में विकास होगा।
दोनों कार्यक्रमों ने यह सिद्ध कर दिया कि जब शिक्षकों को प्रेरणा और सही दिशा मिलती है तो वे समाज के लिए वास्तविक परिवर्तन का स्रोत बन सकते हैं। ‘प्रज्ञानिका’ न केवल बिहार के शिक्षकों का सम्मान बढ़ाने का कार्य करेगा बल्कि यह एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
टीचर्स ऑफ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता रंजेश कुमार एवं प्रदेश मीडिया संयोजक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि लोकार्पण के बाद पत्रिका की पहली प्रति से शिक्षकों को अवगत कराया गया और यह भी बताया गया कि कैसे लोग इस पत्रिका के साथ जुड़ सकते हैं और इसके माध्यम से अपनी शैक्षिक सफलता और नवाचारों को साझा कर सकते हैं। इस पहल के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार होगा।

Karan Pandey

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