पित्त की पथरी : एक गंभीर समस्या जिसे न करें नज़र अंदाज़

लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)पित्त की पथरी (Gallstone) यानी गॉलब्लैडर में बनने वाली कठोर संरचनाएं, आजकल एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया की करीब 6 प्रतिशत आबादी इस समस्या से प्रभावित है। खासतौर पर महिलाओं में इसके मामले अधिक देखने को मिलते हैं। बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और मोटापा इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं।

क्या है पित्त की पथरी?
पित्ताशय (Gallbladder) हमारे पाचन तंत्र का एक छोटा अंग है, जो यकृत (Liver) से निकलने वाले पित्त रस (Bile juice) को जमा करता है। यही पित्त रस वसा (Fat) के पाचन में मदद करता है। जब इस रस में कोलेस्ट्रॉल, पित्त लवण और अन्य तत्वों का संतुलन बिगड़ जाता है, तो पथरी बनने लगती है।
पित्त की पथरी के लक्षण
कई बार पथरी बिना किसी लक्षण के भी मौजूद रहती है और धीरे-धीरे गंभीर रूप धारण कर लेती है। इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं—
पेट में तेज दर्द : विशेष रूप से दाईं तरफ की ऊपरी सतह या पेट के बीच में।
भारीपन और गैस की समस्या : खाना खाने के बाद पेट फूला हुआ महसूस होना।
जी मिचलाना और उल्टी : खासकर तैलीय और भारी भोजन के बाद।
बुखार और ठंड लगना : संक्रमण की स्थिति में।
पीलिया (Jaundice) के लक्षण : यदि पथरी पित्त नली को अवरुद्ध कर दे।
किन लोगों में अधिक खतरा?
40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं
मोटापे से ग्रसित लोग
हार्मोनल बदलाव (गर्भावस्था, गर्भनिरोधक दवाओं का उपयोग)
अत्यधिक तैलीय और मसालेदार भोजन करने वाले लोग
लंबे समय तक डायबिटीज़ या कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित व्यक्ति इलाज विशेषज्ञों के अनुसार पित्त की पथरी का एकमात्र स्थायी इलाज सर्जरी (Gallbladder Removal Surgery – Cholecystectomy) है। शुरुआती अवस्था में लक्षण हल्के हों तो कुछ दवाएं राहत पहुंचा सकती हैं, लेकिन पथरी खत्म नहीं होती। इसलिए समय रहते चिकित्सक की सलाह और उचित इलाज बेहद जरूरी है।
बचाव कैसे करें?
संतुलित और हेल्दी आहार लें, खासकर हरी सब्ज़ियां और फाइबरयुक्त भोजन।
नियमित व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें।
ज्यादा तैलीय, मसालेदार और जंक फूड से परहेज करें।पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

पित्त की पथरी कोई मामूली बीमारी नहीं है जिसे अनदेखा कर दिया जाए। यह धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है और जीवन को खतरे में डाल सकती है। सही समय पर लक्षणों को पहचानकर विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना ही सुरक्षित और सही रास्ता है।

Editor CP pandey

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