जनपद में पशुपालन की है असीम संभावनायें: डीएम
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कहा है कि जनपद में पशुपालन को असीम संभावनायें हैं। इसे अपनाकर कृषक/व्यक्ति अपना आर्थिक उन्नयन कर सकते हैं। उन्होने पशुपालन को बढावा देने के लिए संचालित सभी योजनाओं से कृषकों को जागरुक करने तथा उन तक उसका लाभ पहुॅचाये जाने का निर्देश दिया। कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोई शिथिलता न हो।
जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह विकास भवन के गांधी सभागार में समीक्षा में कहा कि पशु चिकित्सा केन्द्रों के लिए जो भी आधारभूत आवश्यकतायें यथा बाउन्ड्रीवाल, शौचालय, इंटरलाकिंग एवं चिकित्सक कक्ष सहित अन्य जरुरतों का प्रस्ताव चिकित्सा अधिकारी प्रस्तुत करें। उसे उपलब्ध कराया जायेगा। उन्हें संसाधनो में कमी नही होने दी जायेगी। चिकित्सा अधिकारी अपने दायित्वों का पूरी तरह निर्वहन करेंगे तथा जिसे जो जिम्मेदारी दी जायेगी, उन्हे अनिवार्य रुप से पूरा करना होगा। इसमें ढिलाई बर्दास्त नही की जायेगी। हर हाल में पशु पालन विभाग की दशा बदलनी चाहिये।
जिलाधिकारी ने दो विकास खण्डों के चार्ज वाले पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपने कार्यो का रोस्टर बना लें और उसके अनुरुप क्षेत्रों में उपलब्ध रहें। उन्हें पशु पालन की संचालित योजनाओं को सफल बनाने पर ध्यान देना चाहिये।
समीक्षा में पाया गया कि जनपद में 08 अस्थायी गोआश्रय स्थलों में 543 गोवंश, 09 काजी हाउस में 350 गोवंश, 05 कान्हा गोआश्रय स्थलों में 607 गोवंश, 02 वृहद गो संरक्षण केन्दों में 661 गोवंश सहित वर्तमान में कुल 2161 गोवंश संरक्षित हैं तथा 588 गोवंश सहभागिता योजना अन्तर्गत सुपुर्द किये गये है। इस प्रकार जनपद में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लक्ष्य 2194 के सापेक्ष कुल संरक्षित गोवंश 2749 हैं, जो लक्ष्य का 125 प्रतिशत है। नगरपालिका/नगर निकायों में 04 कान्हा गोशाला तथा एक वृहद गोसंरक्षण केन्द्र पिपरा चन्द्रभान देवरिया में स्थापित है। इसी प्रकार की पशु पालन विभाग की संचालित विभिन्न योजनायें यथा एसएफसी पुलिंग, वृहद गोसंरक्षण केन्द्र के निर्माण कार्य की प्रगति, चिकित्सा बधिया टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, पशुपालन से संबंधित एफपीओ का गठन, हरा चारा उत्पादन, आदि विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा की गयी और निर्धारित लक्ष्यों के शतप्रतिशत पूर्ति के कडे निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा अरविन्द कुमार वैश्य, पशु चिकित्सा अधिकारी अशोक तिवारी सहित अन्य पशु चिकित्सा अधिकारी गण आदि उपस्थित रहे।
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