देवरिया में खुलेआम पिस्टल लेकर घूमना: क्या पुलिस का खौफ खत्म हो गया है?
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) जनपद में अपराध की बढ़ती घटनाएं अब केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं रहीं, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। देवरिया–रुद्रपुर मुख्य मार्ग पर स्थित मगरू चौराहा, जो शहर के प्रमुख मार्गों में गिना जाता है, वहां दिनदहाड़े बिना किसी डर के पिस्टल लेकर यात्रा करना किसी बड़े और गंभीर अपराध को न्योता देने जैसा है। यह मार्ग आगे जाकर पूरी तरह सुनसान हो जाता है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना की आशंका और बढ़ जाती है।
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सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इस तरह की गतिविधियों पर न तो समय रहते पुलिस की सख्ती दिखाई देती है और न ही नियमित चेकिंग या निगरानी का प्रभाव। इससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या देवरिया में पुलिस का खौफ शून्य हो गया है, या अपराधी पुलिस को खुली चुनौती देने लगे हैं। विगत महीनों में चटनी गढ़ही क्षेत्र में चली गोली और साकेत नगर (खड़जरवा) में हुई बड़ी चोरी की घटना पर 12 दिन बीतने के बाद भी पुलिस का हाथ पर हाथ धरे रहना अभी तक कोई प्रगति नहीं होना जैसी घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि सोशल मीडिया पर ऐसी घटनाओं के वीडियो वायरल न हों, तो कई मामले दबकर रह जाते हैं और पुलिस के लिए अपराधी “दुधारू गाय” बन जाते है पीड़ित अनदेखे कर दिए जाते हैं। यह स्थिति न केवल पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि समाज में पनप रहे आधुनिक अपराध, बेरोजगारी और असंवेदनशीलता की ओर भी संकेत करती है।
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जरूरत है कि देवरिया पुलिस ऐसे संवेदनशील मार्गों पर नियमित गश्त, सख्त चेकिंग और त्वरित कार्रवाई करे, ताकि आम जनता में सुरक्षा का भरोसा कायम हो सके। अन्यथा, ऐसी लापरवाही किसी बड़े हादसे में तब्दील हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होगा। जब की इस वायरल वीडियो का पुष्टि राष्ट्र की परम्परा नहीं करता है।
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