ठंड ने लिया कोहरे का स्वरूप, तराई में बढ़ा शीतलहर का कहर

उत्तर भारत में मौसम का मिज़ाज लगातार बदल रहा है। बीते 24 घंटों में तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद ठंड ने कोहरे का स्वरूप ले लिया है। खासकर तराई क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप तेज़ हो गया है। सुबह के समय दृश्यता बेहद कम होने से वाहनों की रफ्तार थम गई है, वहीं आम जनजीवन पर भी इसका व्यापक असर पड़ रहा है।
तराई में कोहरे से बिगड़े हालात
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के तराई इलाकों में घना कोहरा छाया रहा। कई जगहों पर दृश्यता 20–30 मीटर तक पहुंच गई, जिसके कारण स्कूल जाने वाले बच्चों और सुबह-सुबह काम पर निकलने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
किसान वर्ग भी इस मौसम से प्रभावित है। सुबह की ठंड और धुंध के कारण खेतों में काम की गति धीमी पड़ी है। हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोहरा आगामी दिनों में और घना हो सकता है।
अन्य स्थानों पर भी बढ़ी ठंड
दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा के कई जिलों में भी तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज हुई है। सुबह और रात के समय सर्द हवाओं ने लोगों को कंपा दिया है। कई इलाकों में पारा 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।

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राजधानी दिल्ली में हल्का कोहरा, परंतु ठंडी हवाओं के कारण “विंड-चिल इफेक्ट” तेज़ हुआ है। इससे महसूस होने वाला तापमान वास्तविक तापमान से 2–3 डिग्री कम बना हुआ है।
स्वास्थ्य पर असर, अस्पतालों में बढ़े मरीज
तेज़ ठंड से बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा-हृदय रोगियों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है। अस्पतालों में खांसी, जुकाम और सांस संबंधी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। चिकित्सकों ने लोगों को सुबह-शाम बाहर निकलने से पहले अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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ट्रेन व रोड ट्रैफिक प्रभावित
घने कोहरे के कारण उत्तर भारत में रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनों के संचालन में देरी हो रही है। सड़क मार्ग पर भी वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे हैं। प्रशासन ने लोगों को फॉग लाइट के इस्तेमाल और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।

आगे कैसा रहेगा मौसम?

मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों तक ठंड और कोहरा दोनों बढ़ सकते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही बर्फीली हवाएँ मैदानी इलाकों में तापमान को और नीचे ले जाएँगी। कई जिलों में शीतलहर की चेतावनी भी जारी की गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक यह स्थिति बनी रह सकती है, जिसके कारण आम जनता को ठंड से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

Editor CP pandey

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