सीएमओ ने बीसीपीएम-बीपीएम का वेतन रोका, आशाओं को चेतावनी — जन आरोग्य मेले में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में स्वास्थ्य सेवाओं की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए देवरिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने रविवार को पीएचसी खुखुन्दु, मईल और चेरो का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मरीजों की कम संख्या, साफ-सफाई में कमी तथा आशा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रचार-प्रसार में रुचि न लेने को गंभीर लापरवाही मानते हुए उन्होंने सलेमपुर, भलुअनी और भागलपुर क्षेत्र के बीसीपीएम व बीपीएम का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया।

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खुखुन्दु में सीएमओ ने ओपीडी रजिस्टर में केवल 15 मरीज दर्ज पाए, साथ ही परिसर की साफ-सफाई भी मानकों के अनुरूप नहीं मिली। स्टाफ द्वारा आशाओं के उदासीन रवैये की शिकायत पर उन्होंने फोन पर फटकार लगाते हुए बीसीपीएम का वेतन बाधित कर दिया।
मईल केंद्र में भी स्थिति संतोषजनक नहीं मिली। 14 मरीजों का पंजीकरण होने के बावजूद ओपीडी में कोई मरीज नहीं मिला। इसके अलावा अस्पताल भवन की टूटी फर्श को लेकर एमओआईसी को तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए गए। यहां भी आशाओं की लापरवाही को देखते हुए बीसीपीएम भागलपुर पर कार्रवाई की गई।

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चेरो पीएचसी में भी मेले में कम भीड़ और आशाओं की निष्क्रियता सामने आई। लैब जांच के दौरान एलटी द्वारा गलत जानकारी देने को गंभीर मानते हुए सीएमओ ने कड़ी चेतावनी दी। बीसीपीएम और बीपीएम दोनों के फोन बंद मिलने पर दोनों का वेतन रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया।

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सीएमओ ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना है, ऐसे में लापरवाही किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी। निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएमओ कार्तिक पाण्डेय भी मौजूद रहे।

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Editor CP pandey

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