जिले में कलस्टर फोरम नेटवर्क की बैठक संपन्न


• सीफार की मदद से बना फाइलेरिया मरीजों का नेटवर्क।
• संगीत के जरिए फाइलेरिया के प्रति किया गया जागरूक।
• एमएमडीपी ट्रेनिंग दी व व्यायाम का अभ्यास भी कराया।
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)l पंदह ब्लॉक के जगदरा गांव में बुधवार को फाइलेरिया जागरूकता संगीत कार्यक्रम हुआ। साथ ही वेक्टर बार्न के नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा की अध्यक्षता में फाइलेरिया संबंधित बैठक भी हुई। यह आयोजन फाइलेरिया ग्रस्त की ओर से गठित शिवजी पीएसजी पेशेंट नेटवर्क और काली माई पेशेंट नेटवर्क के सदस्यों की उपस्थिति संपन्न हुआ।
बैठक के दौरान फाइलेरिया रोगियों की ओर से बने दोनों सपोर्ट ग्रुप शिवजी एवं काली माई नेटवर्क के 52 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों एवं जनसमुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करना था। बैठक में वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा ने सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों को फाइलेरिया से जुड़े मिथकों, बीमारी के प्रबंधन, एमएमडीपी ट्रेनिंग, व्यायाम पर प्रशिक्षण देने के साथ ही दवा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
उन्होंने नेटवर्क के सदस्यों को बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दूषित पानी में पनपते हैं। जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति
को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी खून के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। फाइलेरिया के लक्षण तुरंत नज़र नहीं आते हैं। इसके लक्षण आने में कई साल लग जाते हैं। इसलिए फाइलेरिया का बचाव ही इसका सफल उपचार है। इसके लिए जरूरी है कि साल में एक बार चलाये जाने वाले एमडीए राउंड में फाइलेरिया से बचाव की खुराक का जरूर सेवन करें। यह लाइलाज बीमारी है, एक बार बीमारी हो जाने पर जिंदगी भर इसके साथ ही रहना पड़ता है। इसलिए सतर्क और सुरक्षित रहना ही इसका सही उपचार है।
उन्होंने बताया कि जनपद में एमडीए राउंड चलाया जाता है। इसमें हर साल फाइलेरिया की दवा खिलाई जाती है। दवा खाने से जिन लोगों में इस रोग के कृमि नहीं होते उन्हें कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। जिनमें यह कृमि मौजूद होते हैं, उन्हें बुखार, खुजली, उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अत्यन्त गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को दवा नहीं दी जानी है। इस बैठक में प्रतिभागियों से उनके गांव में प्रचलित भ्रांतियों के बारे में चर्चा की गयी। फाइलेरिया की दवा के सेवन के प्रति लोगों के रवैया पर भी चर्चा हुई।
दवा खाने से जिन लोगों में इस रोग के कृमि नहीं होते उन्हें कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। जिनमें यह कृमि मौजूद होते हैं,उन्हें बुखार, खुजली, उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं ।उन्होंने यह भी कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अत्यन्त गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को दवा नहीं दी जानी है। इस बैठक में प्रतिभागियों से उनके गाँव में प्रचलित भ्रांतियों के बारे में चर्चा की गयी। फाइलेरिया की दवा के सेवन के प्रति लोगों का क्या रवैया है, इस पर भी चर्चा हुयी।
शिव जी सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क जगदरा के अध्यक्ष 52 वर्षीय अर्जुन राम बताते हैं कि प्रशिक्षण में आकर मैंने जाना कि फाइलेरिया के प्रति जागरूकता के लिए कितनी ही संस्थाएं काम कर रही हैं। हमारे लिए भी इतने लोग काम कर रहे हैं, यह जानकर बहुत अच्छा लगा। मैं भी अपने समूह के माध्यम से प्रशिक्षण में सीखी सभी बातों को अपने गाँव के लोगों को जरूर बताऊँगा। काली माई पेशेंट नेटवर्क की अध्यक्षा 50 वर्षीय सुनीता सिंह बताती हैं कि उन्हें प्रशिक्षण में फाइलेरिया जागरूकता पर बहुत अच्छी जानकारी मिली। उन्हें लगता है कि अब वह और आत्मविश्वास के साथ अपने गाँव के लोगों को ज्यादा से ज्यादा फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि रोज अपना पैर साबुन से धोती हूँ, साथ ही व्यायाम भी करती हूं इससे बहुत आराम मिल रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया के रोगी को हमें मानसिक सांत्वना देने की ज़रुरत है और फाइलेरिया से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी जमा न होने दें और सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। साथ ही फाइलेरिया रोग से बचने के लिए दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन करने की आवश्यकता है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। फाइलेरिया की दवा जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है। फाइलेरिया के मरीजों के प्रभावित अंग को अच्छी तरह से साफ-सफाई कर रखना चाहिए, ताकि किसी प्रकार के इंफेक्शन से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई नियमित रूप से करना जरूरी है। बैठक के अंत में शिवजी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क एवं काली माई पेशेंट् नेटवर्क ग्रुप के अध्यक्षों ने जिला मलेरिया अधिकारी को एमएमडीपी किट एवं नाइट ब्लड सर्वे से संबंधित पत्र प्राप्त कराया गया।
बैठक के उपरांत फाइलेरिया जागरूकता के लिए आयोजित संगीत कार्यक्रम में शिव जी पीएसजी सपोर्ट नेटवर्क के सदस्य गौतम सिंह व्यास के टीम द्वारा ऐ राजा जी रोग से मुक्ति पाई ,जांच तू करा ल,आपन स्वास्थ्य के बना ल, डीईसी की गोली खा ल राजा जी, सुनो जनमानस विनती करी बारम्बार हो, फाइलेरिया एक रोग से काँपता संसार हो आदि गीत गाकर फाइलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाई गयी।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव द्वारा फइलतबा हाथी पाव बीमारियां हो, नगरिया के लोग तनी जाग एवं सुनो सुनो सारे जनमानस फाइलेरिया इक रोग बड़ा,गांव- गांव एवं शहर शहर में अपना पैर पसार खड़ा गीत गाकर जनमानस में फाइलेरिया के प्रति जन जागरूकता फैलाई गयी।
इस बैठक में पंदह ब्लाक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मंजीत आनंद, बीसीपीएम धर्मेंद्र यादव, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक ताज मोहम्मद, पाथ के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर नितेश, सीफार के जिला समन्वयक आशीष पाण्डेय एवं ब्लॉक कॉर्डिनेटर एसएन चौबे आदि मौजूद रहे।

rkpNavneet Mishra

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