महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।सदर विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत बागापार खास टोले पर समय माता मंदिर काफी प्राचीन है। भक्तों की मुरादे समय माता पूरी करती है। माता का स्थान घने जंगलों के बीच मे था। जो थारुओं की कुल देवी थी । सन 1860 में बाबू गोपाल सिंह बस्ती गौहनिया से बागापार आये और माता का स्थान देख भाव- बिभोर हो गये । पूर्वजो ने धीरे- धीरे जंगलों को काटकर सिंचित योग्य भूमि बना दिये । लोग यहां खेती करने लगे और यहां की महत्ता धीरे- धीरे बढ़ती चली गयी। लोग यहां बसना शुरू कर दिए। माता आज भी पिंण्डी के रूप में आज भी विराजमान है। यहां के पूर्वजों ने दोनों नवरात्र के अंतिम दिन माता को जीवों को बलि चढ़ाते थे। यह माता यहां के बाबू लोगों की कुल देवी के रूप में भी जानी जाती है। माता को लोगों ने मना कर जीवो की बलि देने के स्थान पर अब लोग नारियल,जायफर, भतुआ की बलि देते है। बड़ा दरबार व छोटा दरबार के डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह,व ग्रामीणों के सहयोग से विशाल मन्दिर का निर्माण किया गया। डॉ शैलेन्द्र प्रताप सिंह के प्रयास व ग्राम प्रधान के सहयोग से समय माता मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए शासन से धन अवमुक्त कराए।मन्दिर परिसर के अन्दर साधु संतों को ठहरने के लिए एक बड़ा हाल , शौचालय का निर्माण कराया गया है।यहां प्रतिदिन लोग पूजा पाठ करते रहते है।भक्तो की सभी मनोकामनाओं को समय माता पूर्ण करती हैं। हर तीसरे वर्ष ग्रामीणों के सहयोग से नौ दिवसीय श्रीमदभागवत का आयोजन किया जाता है। अंतिम दिन कन्या भोजन कराने के बाद पूजा चढ़ाया जाता है।
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)l नगर पंचायत भलुअनी के वार्ड नंबर 10 रामनगर इसरौली के रामध्यान कुशवाहा…
एईआरओ अरविंद नाथ पांडेय कर रहे एलान गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)l 323 ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में…
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। गोरखपुर–अयोध्या शिक्षक निर्वाचन की तैयारी के लिए भाजपा की…
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)भारत में हर साल बाढ़ और सूखा किसानों की ज़िंदगी को…
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। पुरानी पेंशन व्यवस्था एक समय सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के जीवन…
सुनीता कुमारीबिहार आन्या अपनी खिड़की के बाहर झांक रही थी। नीचे सड़क पर ट्रैफिक का…