शिक्षा मनुष्य को संस्कारवान बनाती है -प्रो. चितरंजन
बच्चों के लिए गुणवत्ता पूर्व शिक्षा जरूरी – ध्रुव कुमार त्रिपाठी
बघौचघाट/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। विकास खंड क्षेत्र अंतर्गत लीलावती देवी महाविद्यालय हरैया के सभागार में मंगलवार को समाजवादी चिंतक व शिक्षाविद् स्व. गौरीशंकर राव की 22वीं पुण्यतिथि पर ‘बुनियादी शिक्षा और वर्तमान चुनौतियां’ विषय पर विचारगोष्ठी आयोजित हुई। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पांच शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ ही 12 गरीब लोगों को अंगवस्त्र भेंट किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी ने कहा कि बाबू गौरीशंकर राव एक समाजवादी चिंतक के साथ महान शिक्षाविद् थे। वे समाज के सभी वर्ग के लोगों का आदर करते थे। एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हमें फ्री अनाज व पेंशन की जगह सरकार से अपने बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मांग करनी चाहिए। मुख्य वक्ता प्रो. चितरंजन मिश्र ने कहा कि शिक्षा कमजोर व्यक्ति को संस्कारवान बनाती है। सरकारों को एक देश एक शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। जबतक देश में सामान शिक्षा व्यवस्था नहीं लागू होगी। तब तक देश का भला नहीं होगा। इसके पूर्व अतिथियों ने पं. कुसुमाकर मिश्र व शर्माधर मिश्र द्वारा मंत्रोचार की ध्वनि के बीच स्व.राव के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अवधेश सिंह, विजय भारत सिंह, दिनेश त्रिपाठी, श्रीराम मास्टर, डॉ. मोहम्मद इस्लाम, भगवती मिश्रा, रामकृपाल राव, राजेश पांडेय राम इकबाल कुशवाहा, आलोक राय, सत्यप्रकाश यादव, मार्कण्डेय तिवारी आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता सुभाष पाठक व संचालन अशोक यादव व विनोद राव ने किया। आयोजक स्व. राव के सुपुत्र डॉ. प्रदीप कुमार राव व पूर्व ग्राम प्रधान मीना राव ने आगंतुकों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
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