July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र और सती चरित्र का अद्भुत वर्णन

गाजियाबाद(राष्ट्र की परम्परा)
शिप्रा सनसिटी में भारतीय धरोहर संस्था द्वारा आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन श्रवण के लिए काफी संख्या में महिला और पुरुष श्रोताओं की भीड़ पहुंची I इससे धार्मिक और भक्तिमय वातावरण बना हुआ है।
भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक आचार्य पवन नंदन ने ध्रुव चरित्र और सती चरित्र का अद्भुत वर्णन किया। इस मौके पर भक्तों ने कथा का श्रवण करते हुए अद्भुत क्षणों का अनुभव किया।
आचार्य पवन नंदन ने बताया कि ध्रुव चरित्र में भगवान ने अपने भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे अटल पदवी देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ध्रुव ने अपनी सौतेली मां के अपमान के बाद कठोर तपस्या की और अंततः भगवान ने उनकी भक्ति का फल दिया। भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था, जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे।
सती चरित्र की कथा में उन्होंने भगवान शिव के प्रति सती की भक्ति को उजागर करते हुए बताया कि किस तरह सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ में बिना शिव की अनुमति के गईं, और वहां भगवान शिव को निमंत्रण न दिए जाने पर दुखी होकर उन्होंने यज्ञ कुंड में आत्मदाह कर लिया। इससे नाराज शिव के गणों ने राजा दक्ष का यज्ञ ध्वस्त कर दिया। शास्त्री ने बताया कि इसलिए जहां सम्मान न मिले, वहां नहीं जाना चाहिए।
कथाव्यास पवन नंदन ने कहा कि भागवत कथा सुनने मात्र से जीव जगत का कल्याण होता है। कथा श्रवण से मन परिष्कृत होने लगता है। मनुष्य के अंदर से नकारात्मक उर्जा समाप्त होने लगती है। मनुष्य के अंदर सदगुणों का समावेश होने लगता है। भजन मंडली की ओर से प्रस्तुत किए गए भजनों पर श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे।
आयोजन मंडली की तरफ से प्रसाद आदि का इंतजाम भी किया गया है, जिसमें सहयोग के लिए सभी आमंत्रित है ।
इस धार्मिक अवसर पर विजय शंकर तिवारी, सुचित सिंघल, कपिल त्यागी, सीपी बालियान, सुशील कुमार, अविनाश चंद्र, स्वाति चौहान, कबटियाल जी आदि उपस्थित रहे।