July 6, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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सिविल कोर्ट कसया में अधिवक्ताओं का अनशन जारी

कुशीनगर जिला जज पर लगाया उपेक्षा एवं भ्रष्टाचार का आरोप

कुशीनगर,(राष्ट्र की परम्परा)
कुशीनगर के दीवानी न्यायालय कसया के अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। कुशीनगर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के नेतृत्व में क्रमिक अनशन पर बैठ गए और अपनी मांगों को पूरा होने तक समस्त न्यायिक कार्यों से विरत रहने का निर्णय लिया। जिला जज पर अधिवक्ताओं के मांगो की उपेक्षा का आरोप लगाया।क्रमिक अनशन की शुरुआत देश के प्रथम राष्ट्रपति व वरिष्ठ अधिवक्ता रहे डॉ राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हुआ। इसके पश्चात क्रमिक अनशन में दिनांक 20.7.24 के लिए नामित सदस्य एकलाख अहमद लारी साहब, जलज कुमार सिंह एडवोकेट,अभय पाण्डेय एडवोकेट, सत्येंद्र राय एडवोकेट, राजीव लाल श्रीवास्तव एडवोकेट, धर्मेंद्र चौबे एडवोकेट सतीश चंद्र शर्मा एडवोकेट, महताब आलम एडवोकेट अजय प्रताप एडवोकेट ,विनोद जयसवाल एडवोकेट का
माल्यार्पण किया गया। सभी अधिवक्ताओं को इस आंदोलन को सफल बनाने की शपथ पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट विरेन्द्र लाल श्रीवास्तव ने दिलाई।

अधिवक्ता इन चीजों की कर रहे मांग।

अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रमुख मांगों में कप्तानगंज तहसील के सिविल के दाखिले के क्षेत्राधिकार पूर्ववत कसया में किया जाय। कसया स्थित बाह्य न्यायालय में पूर्व से चल रहे सत्र परीक्षणीय मामलों का रीमांड व जमानत पूर्व की भांति कसया में किया जाय। महिलाओं से सम्बंधित अपराध की समस्त पत्रलियों को जो नवम्बर 2023 के पूर्व की है, उनका परीक्षण पूर्व की भांति कसया स्थित न्यायलयों में किया जाय। सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध परिवाद के मामले व एआर टीओ से सम्बंधित समस्त चलानी को पूर्व की भांति कसया में दिया जाय। जनपद न्यायधीश कुशीनगर द्वारा किये जा रहे भ्र्ष्टाचार की जांच की मांग की गई। एडवोकेट वीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जिला जज ने लगातार हमारी मांगो की उपेक्षा की। इसलिए क्रमिक अनशन का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की। इस अनशन बैठक को संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र लाल श्रीवास्तव,पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट ओंकार नाथ पाण्डेय,दिव्य प्रकाश मणि त्रिपाठी एडवोकेट,पूर्व मंत्री अरविंद द्विवेदी एडवोकेट,रमेश वर्मा एडवोकेट, अध्यक्ष अरविंद पाठक एडवोकेट सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने अपनी विचार व्यक्त किये।