आज़मगढ़( राष्ट्र की परम्परा)
कार्यक्रम की शुरुआत कुरान की तिलावत पाक से हुआ। मौलाना ताहिर मदनी ने संबोधित करते हुए कहां कि नबी एकरीम की हिदायत हमें नेक रास्ते पर चलने की हिदायत देगी।मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आखरी नबी थे इनके बाद कोई नबी आने वाला नहीं है।आपकी सीरत पर सभी मिटने वाले हैं। रसूल की हिदायत में हर मामले में रहनुमाई है। नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जिंदगी एक प्रैक्टिकल जिंदगी है। सारी इंसानियत के लिए अल्लाह के रसूल की जिंदगी एक फरमाया है, इसे इंसानों तक पहुंचाना हमारा फर्ज है। आपकी जिंदगी ने लोगों के सोचने
का अंदाज बदल दिया। आज के बदलते हुए माहौल पर रोशनी डालते हुए कहां की आज का नौजवान रसूल के बताए हुए रास्ते से भटक गया है। यही वजह है कि आज लोग अमन और इंसाफ के लिए तरस रहे हैं,उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल ने हमें जो दीन दिया है उसको फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रूहानी ताकत से कअल्लाह से सजा और नमाज के जरिए जुड़ा जा सकता है। अल्लाह के रसूल कहते हैं नमाज अल्लाह के आंखों की ठंडक है। अच्छे वही लोग हैं जो अपने परिवार के साथ-साथ अपने पड़ोसियों के साथ भी अच्छा सलूक बरते। कुरान में बताया गया है कि जिस प्रकार मर्दों के हक है उसी प्रकार औरतों के भी हक होते हैं। इस मौके पर जमाते इस्लामी हिंद के अध्यक्ष अहमद कलीम फलाही, शहर अध्यक्ष कलीम अहमद, मुदस्सिर, मौलाना फैयाज अहमद फलाही, मौलाना अतिकुर रहमान इस्लाही जुल्फिकार अहमद, अब्दुल खालिक, नामी चिरैया कोटी, कार्यक्रम का संचालन मौलाना जावेद अहमद ने किया।
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