10 अक्टूबर तक पीएम किसान सम्मान निधि से छूटे किसानों की समस्याओं का होगा निदान
अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डीएम ने दिलाया संकल्प
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना अन्तर्गत जनपद के शत-प्रतिशत कृषकों को लाभान्वित किये जाने के उद्देश्य से वंचित अवशेष कृषकों के बैंक खाते की आधार सीडिंग, ई-केवाईसी तथा लैण्ड़ सीडिंग कार्यों को 10 अक्टूबर 2023 तक पूर्ण तथा खेतों में पराली जलाने की घटनाओं को न्यून से न्यूनतम करने तथा फसल अवशेषों एवं पराली प्रबन्धन के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी ने जनसेवा केन्द्र समन्वयक, नोडल अधिकारियों, कृषि एवं एलायड विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिया कि, किसी भी दशा में पराली जलने की घटना प्रकाश में न आये अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित विशेषकर क्षेत्रीय लेखपालों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डीएम ने इस बात संकल्प दिलाया कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश के लिए पदेन उत्तरदायित्वों का निवर्हन करेंगे।
डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेन्द्र कुमार द्विवेदी व उप कृषि निदेशक टी.पी. शाही को निर्देश दिया कि 02 अक्टूबर को ग्राम में आयोजित होने वाले आयुष्मान सभा में विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराकर मौजूद ग्रामवासियों को पीएम-किसान निधि से वंचित किसानों की समस्याओं का समाधान करायें तथा कृषकों को खेतों में पराली न जलाने के लिए जागरूक करें तथा उन्हें पराली प्रबन्धन के बारे में तकनीकी जानकारी भी दी जाय। डीपीआरओ व डीसी मनरेगा को निर्देश दिया गया कि पूर्व में खोदे गये कम्पोस्ट के गडढ़ों को ओपेन कराकर पराली को कम्पोस्ट खाद बनाने में कृषकों को जागरूक किया जाय, डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि जिले के कृषकों को इस बात की भी जानकारी दी जाये कि वे मेसर्स विपुल इण्डस्ट्री रिसिया को फसल अवशेष की आपूर्ति कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं।
डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिया कि क्षेत्रीय लेखपालों, ग्राम प्रधानों, कृषि विभाग के क्षेत्रीय कार्मिकों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि कहीं पर पराली जलाने की घटना न होने पाये।
डीएम ने समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि फसलों के अवशेष को जलाने वाले दोषी व्यक्तियों की पुष्टि होने पर दो एकड़ क्षेत्रफल तक रू. 2500, दो से पांच एकड़ तक रू. 5000 तथा पांच एकड़ से अधिक पर रू. 15000 अर्थदण्ड लगाया जाए।
डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि न्याय पंचायत स्तर पर प्रगतिशील कृषकों, प्रधानों एवं नोडल कर्मचारियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाय जिसमें एसडीएम, तहसीलदार व कृषि एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को भी जोड़ा जाय।
जिस पर संचालित योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ पराली प्रबन्धन, किसान सम्मान निधि व अन्य विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाय।
सभी बैंक शाखाएं व डाकघर प्राथमिकता के आधार पर कृषकों का खाता खोलने, आधार से लिंक करने की कार्यवाही को समयबद्धता के साथ पूर्ण करें। कहीं से कोई प्रतिकूल तथ्य प्रकाश में आने पर कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर जिला कृषि सतीश कुमार पाण्डेय, तहसीलदार महसी राकेश कुमार मौर्य, एसडीओ कृषि कैसरगंज शिशिर वर्मा, सदर के उदय शंकर सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रिया नन्दा, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए सुधाकर शुक्ल व कुलदीप वर्मा सहित अन्य अधिकारी, एटीएम व बीटीएम तथा अन्य प्राविधिक सहायकगण मौजूद रहे।
More Stories
आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैंडोवर होने से पहले ही बदहाल, स्थिति में
स्वच्छ भारत योजना के तहत घर-घर बनेगा शौचालय खंड विकास अधिकारी
किसान कल्याण केंद्र पर गेहूं के बीज लेने लगी किसानों की लाइन