नईदिल्ली एजेंसी।संसद के दोनों सदनों में आज भी चीन मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की माँग को लेकर विपक्ष ने भारी हंगामा किया जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। हम आपको बता दें कि तवांग मामले पर सरकार की ओर से रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री संसद में बयान दे चुके हैं तो वहीं गृह मंत्री भी मीडिया से बातचीत में चीन मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट कर चुके हैं लेकिन विपक्ष है कि वह मानने को तैयार नहीं है। विपक्ष की ओर से सरकार पर बढ़ते हमलों के बीच कांग्रेस और एआईएमआईएम तो सीधे-सीधे सरकार को कमजोर और चूहा तक करार दे रहे हैं। उधर मोदी सरकार का कहना है कि उसके कार्यकाल में सीमाएं शांत और सुरक्षित हैं तथा सैन्य बलों का आत्मविश्वास भी बढ़ाया गया है और उनको साजो-सामान से सुसज्जित भी किया गया है।
उधर, सरकार पर हो रहे हमलों की बात करें तो ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हालिया झड़प को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर पारदर्शी नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम सरकार से लगातार संसद में बहस कराने का अनुरोध और मांग कर रहे हैं। लेकिन जब एलएसी की स्थिति की बात आती है तो मोदी सरकार पारदर्शिता नहीं दिखाती। वे आधा सच बोल रहे हैं, भ्रामक तथ्य पेश कर रहे हैं। ओवैसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि चीन के मामले में मोदी सरकार कमजोर है।
मल्लिकार्जुन खडगे ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हाल में हुई झड़प को लेकर केंद्र सरकार पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी देश की रक्षा के लिए एक होकर लड़ेगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “केन्द्र सरकार बाहर तो शेर के जैसे बात करती है, लेकिन उनका जो चलना है, वो आप देखेंगे तो चूहे के जैसा है।”
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि सरकार के ठोस प्रयासों ने ‘आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र’ को कमजोर कर दिया है। उन्होंने चीन मुद्दे पर उलटा कांग्रेस पर ही आरोप लगाते हुए पूछा है कि डोकलाम के समय कौन चीन के साथ मुलाकात करते हुए पाया गया था? अनुराग ठाकुर ने कहा कि चीन को लेकर कांग्रेस का दोहरा रवैया है।
वहीं, राजनीति से इतर तवांग और उसके आसपास हो रहे विकास कार्यों की बात करें तो आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में देश के पूर्वी मोर्चे पर विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ तेजी से विकास कार्य चल रहे हैं ताकि जब भी जरूरत पड़े तब चीनी आक्रामकता और उसके विस्तारवादी मंसूबों को विफल किया जा सके। सड़क संपर्क और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा, तवांग और अरुणाचल प्रदेश के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है।
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