
पटना (राष्ट्र की परम्परा)। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र के पांचवें दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विधानमंडल परिसर में जुटे राजद, कांग्रेस, वाम दल समेत विपक्षी विधायकों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब मांगा।
पोस्टर-बैनर के साथ विरोध
विपक्षी विधायक सुबह से ही पोस्टर और बैनर लेकर विधानसभा पहुंचे। उनके हाथों में “SIR में धांधली बंद करो”, “जनगणना में जातीय आंकड़ों से छेड़छाड़ नहीं चलेगी” जैसे नारे लिखे पोस्टर थे। विधायकों ने विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर किया पलटवार
सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए जनता को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पारदर्शिता के साथ SIR प्रक्रिया कराई है और इस पर बेवजह सवाल उठाना जनता का अपमान है।
राज्य सरकार की सफाई
सरकार की ओर से कहा गया कि विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया निर्वाचन आयोग की निगरानी में हो रही है और इसमें किसी तरह की अनियमितता का सवाल ही नहीं उठता। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से अपील की कि वे सड़कों पर प्रदर्शन की बजाय तथ्यों के साथ सदन में चर्चा करें।
विपक्ष का आरोप: जातीय आंकड़ों से छेड़छाड़
राजद नेता तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार SIR के जरिए सामाजिक समीकरणों को तोड़ने और जनसंख्या आधारित योजनाओं में हेरफेर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मांग की कि विशेष गहन पुनरीक्षण पर सदन में विस्तृत चर्चा कराई जाए और इसे सार्वजनिक किया जाए।
सत्र में बाधा, कार्यवाही बार-बार स्थगित
विपक्षी हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल के दौरान भी हंगामा जारी रहा, जिससे सदन की कार्यवाही प्रभावित हुई।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
SIR को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। जहां एक ओर सरकार इसे जनहित में उठाया गया कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे जातीय गणना के आंकड़ों को प्रभावित करने की साजिश करार दे रहा है।
